-लगभग 12 बंदियों में महिला बंदियों की संख्या है करीब 35
मोतिहारीः सेंट्रल जेल मोतिहारी में 75 बेड का अस्पताल है, लेकिन यहां कि चिकित्सा व्यवस्था मानक के अनुरूप नहीं है. बंदियों को हल्की सर्दी, जुकाम, बुखार व पेट दर्द की शिकायत हो या गंभीर बीमारी, उन्हें सदर अस्पताल रेफर किया जाता है.
कई बंदी जेल की लुंजपुंज चिकित्सा व्यवस्था का फायदा उठा सदर अस्पताल में भरती होने के बाद फरार भी हो चुके हैं. बावजूद इसके जेल की चिकित्सा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका है. जेल में फिलहाल 12 सौ के लगभग बंदी व कैदी हैं. इसमें महिला बंदियों की संख्या लगभग 35 के करीब है.
जांच को जाना पड़ता है बाहर
जेल में पैथोलॉजी सेंटर नहीं है. पारा मेडिकल स्टॉफ की भी पोस्टिंग भी नहीं है. जेल के चिकित्सक अगर बीमार बंदियों का स्वास्थ्य जांच करने के बाद पैथोलॉजी जांच जरूरत महसूस करते है तो पैथोलॉजी जांच के लिए बीमार बंदियों को बाहर के पैथोलॉजी सेंटर ले जाने के सिवा दूसरा कोई चारा नहीं है.
उपस्कर में लग रहा है जंग
जेल में पारा मेडिकल स्टॉफ नहीं रहने के कारण कई उपस्कर में जंग लग चुका है. यहां एक्स-रे मशीन, इसीजी मशीन, ऑक्सीजन सिलिंडर है, लेकिन पारा मेडिकल स्टॉफ के नहीं रहने के कारण लाखों के उपस्कर में जंग लग रहा है.
जेल प्रशासन है सजग
जेल प्रशासन बंदियों के स्वास्थ्य को लेकर काफी सजग रहता है. प्रत्येक महीने जेल के अंदर चिकित्सा शिविर लगाया जाता है, जिसमें एड्स, मधुमेह व टीबी की जांच करायी जाती है. इसके अलावे सीमित संसाधन में ही रोटेशन के अनुसार ओपीडी भी चलता है. साथ ही आई कैंप व एड्स जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है.
इनकी है जरूरत
चिकित्सा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कारा विभाग से महिला चिकित्सक व नर्स की पोस्टिंग होनी चाहिए. ड्रेसर के व कंपाउंड के रिक्त पदों पर पोस्टिंग की जरूरत है. पैथोलॉजी सेंटर की व्यवस्था के साथ पारा मेडिकल स्टॉफ की पदस्थापना होनी चाहिए. पारा मेडिकल स्टॉफ की पोस्टिंग होने के बाद जंग लग रहे उपस्करों को दुरुस्त कर उपयोग में लाया जा सकता है.