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कानपुर रेल हादसा : 6 दिनों की पुलिस रिमांड में भेजे गये तीन साजिशकर्ता, NIA और ATS की टीम करेंगी पूछताछ

मोतिहारी : बिहार के पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन में रेल ट्रैक और ट्रेन उड़ाने की साजिश में गिरफ्तार हुए तीन शातिर बदमाशों को मोतिहारी कोर्ट ने छह दिनों के पुलिस रिमांड पर जेल भेज दिया है.इसदौरान एनआइएऔर एटीएस की टीम इनसे पूछताछ करेगी. पुलिस यह जाननेके प्रयास में जुटी में है कि पकड़े गये लोगों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2017 7:05 PM

मोतिहारी : बिहार के पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन में रेल ट्रैक और ट्रेन उड़ाने की साजिश में गिरफ्तार हुए तीन शातिर बदमाशों को मोतिहारी कोर्ट ने छह दिनों के पुलिस रिमांड पर जेल भेज दिया है.इसदौरान एनआइएऔर एटीएस की टीम इनसे पूछताछ करेगी. पुलिस यह जाननेके प्रयास में जुटी में है कि पकड़े गये लोगों को नेपाल से लेकर भारत के किन-किन स्थानों पर आइएसआइ के कनेक्शन के बारे में जानकारी है. साथ ही कानपुर में रेल हादसे को कराने में किस स्तर पर आइएसआइ ने साजिश की थी और उक्त साजिश के तहत कैसे ट्रेन हादसा कराया गया.

मोतिहारी कोर्ट में इस मामले में पुलिस ने अर्जी दी थी. जिसके बाद पुलिस को कोर्ट ने हिरासत में लियेगये इन तीनों लोगों को रिमांड पर रखने की इजाजत दे दी है. पुलिस की ओर से न्यायालय में गिरफ्तार कर जेल भेजे गये आदापुर के बखरी निवासी मोती पासवान, मुकेश यादव व रक्सौल के उमाशंकर प्रसाद उर्फ उमाशंकर पटेल को रिमांड पर लेने के लिए आवेदन दिया गया था.

मंगलवार की शाम पुलिस की पकड़ में आये मोती पासवान ने कानपुर रेल हादसा और घोड़ासहन में आइइडी लगाने में आइएसआइ का हाथ होने का खुलासा किया था. पकड़े गये अपराधियों ने बताया है कि वो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के इशारे पर वारदात को अंजाम देते थे. पुलिस टीम ने आदापुर के बखरी निवासी मोती पासवान, मुकेश यादव व रक्सौल के उमाशंकर प्रसाद उर्फ उमाशंकर पटेल को गिरफ्तार किया था. इससे पहले बुधवार को मामले की जांच के लिए दूसरे प्रदेश की पुलिस भी मोतिहारी पहुंची है.

उल्लेखनीय है कि मंगलवार को एसपी जितेन्द्र राणा के संवाददाता सम्मेलन में इस बात खुलासा हुआ था कि मोती पासवान ने नेपाल में बैठे आइएसआइ के एजेंट ब्रजकिशोर गिरी के इशारे पर आदापुर के ही दीपक व अरुण के अलावा अन्य लोगों के साथ मिलकर घोड़ासहन में आइइडी लगाया था. मोती पासवान ने पुलिस को दिए स्वीकारोक्ति बयान में बताया था कि कानपुर में सियालदह-अमजमेर ट्रेन हादसा आइएसआइ के इशारे पर कराया गया था. इसके बाद पुलिस लगातार इस पड़ताल में लगी है कि देश के किन-किन हिस्सों में आइएसआइ ने नेपाल में बैठे कारिंदे के इशारे पर घटनाओं को अंजाम दिलवाया है.

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