कौन पालेगा बच्चे को

मनोज की एक झलख पाने को बेचैन थे शहरवासी चुमन की पत्नी शव देख हो गयी है बदहवाश सुबोध की पत्नी का बच्चों के साथ रो-रोकर बुरा हाल पकड़ीदयाल :सामूहिक हत्याकांड में जान गवाये युवा नेता और पकड़ीदयाल नगर पंचायत के उपाध्यक्ष मनोज कुमार की मां गीता देवी,पत्नी वीणा देवी,पिता रामभरोस प्रसाद समेत उनके भाईयों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 20, 2017 9:27 AM
मनोज की एक झलख पाने को बेचैन थे शहरवासी
चुमन की पत्नी शव देख हो गयी है बदहवाश
सुबोध की पत्नी का बच्चों के साथ रो-रोकर बुरा हाल
पकड़ीदयाल :सामूहिक हत्याकांड में जान गवाये युवा नेता और पकड़ीदयाल नगर पंचायत के उपाध्यक्ष मनोज कुमार की मां गीता देवी,पत्नी वीणा देवी,पिता रामभरोस प्रसाद समेत उनके भाईयों प्रहलाद सर्राफ,ध्रव सर्राफ,ललन सर्राफ का बुरा हाल था.वही मनोज के मासूम हिमेश कुमार और छोटी कुमारी अपने पापा के मौत से एकदम टुट गयी है. किसी को विश्वास ही नहीं हो रहा है.अब लोगाें का चहेता और परिवार का दुलारा मनोज नहीं रहा.जिसकी एक झलक पाने के लिये चौक से लेकर उसके घर तक लोगो हुजुम उमड़.वहीं व्यवसायी चुमन प्रसाद, पत्नी सीमा देवी पति का शव देख बदहवास हो गयी.जिसे दुनिया में अब कुछ दिख ही नहीं रहा.उनके बगल में बैठी उनकी बेटिया रीतू और विशाखा मां की आंसू पोछ रही थी.
वही चुमन के पिता मदन प्रसाद दरवाजे पर बैठ आने जाने वाले लोगो को देख रहे थे.चुमन का बेटा हरिओम भी अपने पिता के मौत से गम और गुस्से में दिख रहा था.जबकि पलदार सुबोध पासवान की पत्नी संगीता देवी अपने छोटे बच्चो साक्षी एवं आयुष के साथ आंगन में लोट-लोट कर रो रही थी. कह रही थी कि अब हमारा घर के कौन देखी.छोट-छोट बच्चा के पालन के करी.इन परिवारों के करूण क्रंदन से माहौल गमगीन था.ढांढस बंधाने वालों का भी ढांढस जवाब दे रहा था.चुमन और सुबोध का अंतिम संस्कार सिकरहना नदी के तट पर कर दिया गया.

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