मोतिहारी : घोड़ासहन में गायक से रेलवे ट्रैक पर आइइडी रखने में खलनायक बने गजेंद्र शर्मा की खोज के साथ जेल में बंद तीन आइएसआइ एजेंट को एनआइए रिमांड पर लेगी. इसको ले एनआइए द्वारा विभागीय प्रक्रिया आरंभ कर दी गयी है. रिमांड मिलने के बाद पटना स्थित स्पेशल कोर्ट में पेश किया जा सकता है. इधर सूत्रों के अनुसार घोड़ासहन रेलवे ट्रैक पर आइइडी रखने का मास्टर माइंड गजेंद्र शर्मा और राकेश यादव अब तक के जांच में सामने आया है. जो दोनों फरार है.
गजेंद्र का घोड़ासहन स्थित स्टूडियो और चिरैया चौक स्थित दोनों दुकान बंद हैं. गायकी करनेवाले गजेंद्र का लिंक नेपाल में गिरफ्तार ब्रजकिशोर गिरि व दुबई में बैठे नेपाल के आइएसआइ चीफ शमशुल होदा से कैसे जुड़ा. सूत्रों के अनुसार आइइडी लगाने की जिम्मेवारी भले ही दीपक राम व अरुण को मिली थी, लेकिन स्थानीय स्तर पर गजेंद्र व राकेश ने प्लान बनाया था कि किस सुनसान स्थान पर बम विस्फोट के बाद भी भागा जा सकता है.
एनआइए ने रिमांड के लिए
कोर्ट में दाखिल की अर्जी
आइइडी मामले का मास्टरमाइंड गजेंद्र की खोज हुई तेज
दूसरे के नाम पर निर्गत सिम
का घटना में हुआ उपयोग
फर्जी सिम में होगी पूछताछ
रक्सौल भेलवा के अजनत अंसारी और मनोज प्रसाद के नाम से निकाले गये सिम का प्रयोग गजेंद्र शर्मा ने किया है जबकि अरुण राम ने रक्सौल के श्रीरामपुर निवासी मनोज प्रसाद के नाम पर निकाले गये सिम का प्रयोग किया है. जांच एजेंसी इस मामले में अजनत अंसारी व मनोज प्रसाद से पूछताछ कर सकती है कि सिम गजेंद्र व अरुण को कैसे मिला. अरुण तो मारा गया है लेकिन गजेंद्र पर टिकी है.
घोड़ासहन-कानपुर रेलवे घटना के बाद से फरार चल रहे गायक गजेंद्र शर्मा के काठमांडू में छुपे होने की आशंका जतायी जा रही है. जहां से वह आइएसआइ चीफ शमशुल होदा के नेटवर्क में जुड़ा है. वैसे इसकी अधिकारिक तौर पर पुष्ट नहीं हुई है. घटना से जुड़ी जांच एजेंसियों
को गिरफ्तार मोती पासवान, उमाशंकर पटेल, मुकेश कुमार से पूछताछ के बाद फरार गजेंद्र के पकड़े जाने के बाद बड़ी सुराग मिलने की संभावना है.