मोतिहारी : जिला परिषद की दर्जनों योजनाएं धरातल पर नहीं उतर पायी हैं. इन वर्षों पुरानी अपूर्ण योजनाओं को जिला परिषद प्रशासन ने निरस्त कर दिया है. मामले में करीब दो दर्जन योजनाओं की एडवांस राशि कनीय अभियंताओं से वसूल की गयी है. इसकी प्रशासनिक स्वीकृति के बाद भी निर्माण शुरू नहीं करायी गयी थी.
इनमें कई योजनाएं वर्ष 2010 एवं 12-13 से अपूर्ण चल रहा था. मामला विकास कार्य योजना की समीक्षा के दौरान सामने आयी. जिसपर संज्ञान लेते हुए जिप अध्यक्ष प्रियंका जायसवाल ने संबंधित जेइ को योजना में ली गयी एडवांस राशि को तय समय के भीतर वापस करने का निर्देश दिया. विभागीय जानकारों की माने तो स्वीकृत योजनाओं को लेकर पहले तो अभियंता ने रुचि नहीं दिखाई. तो इनमें कई योजनाओं का कार्य अन्य विकास कोष से पूरा हो गयी. जिस कारण तकनीकी पेंच में मामला उलझ गयी.
इधर पंचायती राज के समीक्षा के बाद मामला सामने आने पर वैसे योजनाओं को लेकर सख्ती बरती गयी. तो संबंधित अभियंताओं ने एडवांस राशि सरेंडर किया.
जमीन के पेंच में अधूरी रह गयी 42 लाख की योजना
वेडिंग जोन निर्माण की योजना करीब 42 लाख रुपये की है. विभागीय स्वीकृति के बाद वेडिंग जोन निर्माण को लेकर निविदा संबंधि कार्य भी पूरा हो चुका था. लेकिन नींव के बाद इस योजना को जिला प्रशासन की नजर लग गयी. कैसरे हिन्द परती जमीन को लेकर पहले तो जिला प्रशासन ने रोक लगा दी. फिर खाता 203 एवं खेसरा 252 की करीब तीन एकड़ जमीन विभागीय प्रक्रिया के बाद जिला
प्रशासन से नगर परिषद को हस्तानांतरित करायी गयी. जमीन के विभागीय पेंच का लाभ उठा कर कुछ लोगों ने अपनी राजनीति भी शुरू कर दी. और देखते ही देखते प्रस्तावित भूमि पर अवैध कब्जा जमा लिया. इसे खाली कराने के लिए प्रशासन को एकबार फिर मशक्कत करनी पड़ सकती है.