मोतिहारी : दवा घोटाले के मामले में क्षेत्रीय अपर निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं मुजफ्फरपुर डा विजय कुमार ने मंगलवार को सदर अस्पताल पहुंच कर पुन: मामले की जांच पड़ताल शुरू की. उन्होंने बताया कि प्रथमदृष्टया इसमें अनियमितता है. 600 पन्नों की रिर्पोट है, जिसका अध्ययन किया जा रहा है. गौरतलब हो कि मार्च 2015 को साढे चार करोड़ रुपये की दवा खरीदी गयी थी, जिसमें डेढ़ करोड़ रुपये की दवा सदर अस्पताल के लिए, तीन करोड़ सेंट्रल भंडार के लिए.
सदर अस्पताल में खरीदी गयी दवा का वितरण कर दिया गया. लेकिन सेंट्रल स्टोर की दवा गड़बड़ी को ले सिल कर दिया गया, जिसका वितरण नही हो सका, जबकि जांच में कुछ दवा अमानक पायी गयी थी. इधर दवा वितरक के पेमेंट के लिए स्वास्थ्य प्रशासन पर जोर देने लगा. यहां बता दे कि इन सारी दवाओं की खरीदारी बिना कोटेशन का किया गया था. मामला संदेह के घेरे में आने पर तत्कालीन डीएम जितेंद्र श्रीवास्तव ने मामले को संदेह के घेरे में लेते हुए जांच शुरू करवाई जहां अनियमितता पायी गयी तथा सभी दवाओं को सिल कर दिया गया.
इस मामले में एक चिकित्सक एवं दो कर्मचारी भी निलंबित किये गये. जांच के दौरान सीएस डा प्रशांत कुमार, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी श्याम मोहन दास, डीआई ओ डा रवि, डा के सी सिन्हा मौजूद थे.