नपकर्मियों के धैर्य की परीक्षा न ले प्रशासन
आंदोलन. 21 वें दिन हड़ताल पर रहे सफाईकर्मी गोपगुट ने कमिर्यों को एनजीओ के हवाले करने की निंदा की मोतिहारी : अपनी मांगों के समर्थन में हड़ताल करनेवाले नप अनुबंधित सफाई कर्मियों ने नप प्रशासन को कड़ी शब्दों में चेतावनी दी है. मंगलवार को कार्यालय परिसर में संघर्ष संचालन समिति के तत्वावधान में आयोजित धरना […]
आंदोलन. 21 वें दिन हड़ताल पर रहे सफाईकर्मी
गोपगुट ने कमिर्यों को एनजीओ के हवाले करने की निंदा की
मोतिहारी : अपनी मांगों के समर्थन में हड़ताल करनेवाले नप अनुबंधित सफाई कर्मियों ने नप प्रशासन को कड़ी शब्दों में चेतावनी दी है. मंगलवार को कार्यालय परिसर में संघर्ष संचालन समिति के तत्वावधान में आयोजित धरना सभा को संबोधित करते वक्ताओं ने पशु की तरह कर्मियों को मोटी राशि लेकर निजी कंपनी के हाथ बेचने का विरोध करते कहा कि नप प्रशासन कर्मियों की धैर्य की परीक्षा नहीं ले.
समाज के निचले तबके से ताल्लुक रखनेवाले कर्मियों ने कहा है कि वह समाज में फैली गंदगी को साफ करने का काम करते हैं. इसका अर्थ यह नहीं की वह कायर हैं. 21 दिनों से लगातार जारी हड़ताल से कर्मियों के समझ भुखमरी की समस्या है. अगर आंदोलन उग्र होता है तो इसकी सारी जिम्मेवारी नप एवं जिला प्रशासन की होगी.
धरना सभा की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष जितेंद्र नाथ शर्मा ने की. मौके पर समिति संयोजक भरत राम, विरेंद्र मली, विक्की राउत, श्रवण राम, प्रीतम राम, विजय मली सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे. इधर नप कर्मियों की हड़ताल को लेकर गोपगुट के मंडल की बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता गोपगुट के सचिव नंद किशोर उपाध्याय ने की. इसमें एसडीओ की पहल पर हुयी वार्त्ता के बाद भी नप प्रशासन द्वारा समझौता पर खड़ा नहीं उतरने पर निंदा की गयी. वक्ताओं ने कहा कि सरकार के पत्र में पूर्व से कार्यरत कर्मियों को एनजीओ में देने का काेई आदेश नहीं है. पटना, मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर आदि नगर निकाय में कर्मियों को एनजीओ को नहीं सौपे जाने की बात कही. बैठक में कर्मियों को नप के अंतर्गत कार्य करने देने की मांग पर विचार करने की मांग जिला प्रशासन से की गयी.
कार्य पर नहीं लौटे तो नप कर्मियों पर होगी कार्रवाई : मोतिहारी ़ नप कर्मियों की हड़ताल से बाधित शहर की सफाई व्यवस्था पर अपनी पक्ष रखते हुए नप कार्यपालक पदाधिकारी अमर मोहन प्रसाद ने कहा है कि अगर सफाई कार्य एजेंसी किसी कारणवस कार्य छोड़ देती है तो संविदा कर्मियों को पुन: नप के कार्य से जोड़ लिया जायेगा. उक्त निर्णय पिछले दिनों सदर एसडीओ रजनीश लाल की अध्यक्षता मे हुयी बैठक में लिया गया था. कर्मियों का भुगतान भी नियमित तौर पर कोष से की जायेगी. आगे चलकर सरकार से सफाई कर्मियों के नियमित नियुक्ति की बात आती है तो एजेंसी के साथ जुड़े रहने पर भी कर्मियों को वरीयता दी जायेगी. एजेंसी के साथ काम करने वाले कर्मियों का भुगतान की मोनिटरिंग नप प्रशासन स्वयं करेगी़
काम में कर्मियों को किसी तरह की कठिनाई नही होगी. मिल रही मानदेय भूगतान के अलावे कर्मियों को अन्य सुविधाएं भी मिलेगी. ईओ ने कहा है कि कर्मियों के शिष्टमंडल की साथ हुयी वार्त्ता एवं निर्णय के बाद भी अगर कर्मी योगदान नही करते है तो कर्मियों के विरूद्ध विधि संवत् कार्रवाई होगी.