मोतिहारीः हनुमान सुगर मिल व मेसर्स इस्टर्न सुगर इंडस्ट्रीज के निदेशक पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है. इनके विरुद्ध बेतिया राज की जमीन को लीज पर लेकर बैंक में गिरवी रख करोड़ों रुपये ऋण लेने का आरोप है. डीएम श्रीधर सी के आदेश पर अंचलाधिकारी समीर कुमार शरण ने बुधवार को छतौनी थाना दोनों कंपनियों के निदेशक पर प्राथमिकी दर्ज करायी है.
दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, हनुमान सुगर मिल के निदेशक ने 14 फरवरी 1942 में बेतिया राज के व्यवस्थापक से 42 बीघा 15 कट्ठा दो धूर जमीन लीज पर ली. सुगर मिल के निदेशक व बेतिया राज के व्यवस्थापक के बीच 34 वर्षो के लिए उक्त जमीन के लीज का एकरारनामा हुआ. इधर सुगर मिल के निदेशक ने एकरारनामा के विपरीत बेतिया राज से लीज पर लिए गये उक्त जमीन के अतिरिक्त 13 बीघा छह कट्ठा 13 धूर जमीन अपने अनुसंगी कंपनी मेसर्स इस्टर्न सुगर इंडस्ट्रीज को सब लीज कर दिया. इतना ही नहीं उक्त जमीन पर बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों से करोड़ों रुपये ऋण उगाही की गयी.
उक्त वित्तीय संस्थानों को ऋण वसूली के लिए उक्त जमीन को बेचने व नीलाम करने तक का अधिकार दे दिया गया. इस धोखाधड़ी का खुलासा होने के बाद शिकायत डीएम के पास पहुंचा. डीएम ने पूरे मामले की बारीकी से जांच कराने के बाद दोनों कंपनियों के निदेशक को दोषी पाते हुए अंचलाधिकारी को प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया. गुरुवार को छतौनी थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. इंस्पेक्टर सुबोध कुमार ने बताया कि मामला दर्ज कर तहकीकात जारी है.