पूर्वी चंपारण : बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के चंद्रहिया से मोतिहारी तक की सात किलोमीटर की ऐतिहासिक यात्रा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नेआज शुरू की. आज ही के दिन 18 अप्रैल को सौ साल पहले गांधी जी के सत्याग्रह के सामने अंग्रेजों ने हथियार डाल दिये थे. चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह के आयोजन की कड़ी में इस पदयात्रा को शुरू किया गया. सौ साल पूर्व की घटना को यादगार बनाने के लिए इस पदयात्रा का आयोजन किया गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के अलावा और भी कई गणमान्य मंत्री और नेता इस पदयात्रा में शामिलहुए.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि गांधी जी के विचारों को जन-जनतकपहुंचाने के लिए उन्होंने यह पदयात्रा की है. मुख्यमंत्री ने चंद्रहिया से मोतिहारी तक की यात्रा सुबह आठ बजे शुरू कीऔरसाढ़ेनौ बजे के आस-पास मोतिहारी के गांधी मैदान पहुंच गये.
सर्वधर्म प्रार्थना का हुआ आयोजन
इससे पूर्व सीएम नीतीश कुमार ने गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और शिलापट्ट का लोकार्पण किया. कार्यक्रम स्थल पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. मुख्यमंत्री के साथ सभी लोगों ने सबसे पहले प्रार्थना सभा में भाग लिया. मुख्यमंत्री ने वहां एक चंपा के पौधे का पौधारोपण किया. मुख्यमंत्री के साथ यात्रा में भारी संख्या में स्थानीय लोग भी शामिल हुए औरउन्होंनेपदयात्रा की.हालांकि,बहुत सारे लोगों ने पदयात्रा को पूरा नहीं किया. लेकिन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमारअंतिमपड़ाव तक पहुंचे. वहां उन्होंने गांधी जी के भजन को सुनकर पदयात्रा का समापन किया. इस दौरान, मुख्यमंत्री की पदयात्रा को देखते हुए चंद्रहिया से मोतिहारी गांधी मैदान तक सड़क के दोनों तरफ सुरक्षा कड़ी कर दी गयी थी. गांधी मैदान को किले में तब्दील कर दिया गया था. वहीं, पदयात्रा वाले मार्ग पर वाहनों का परिचालन रोक दिया गया था.
सौ साल पूर्व की घटना का हुआ नाट्य रूपांतरण
मुख्यमंत्री के मोतिहारी गांधी मैदान पहुंचने के बाद सौ साल पूर्व हुई घटना का नाट्य रूपांतरण किया गया. सौ साल पहले गांधी जी आदेश के उल्लंघन के आरोप में एसडीओ कोर्ट में पेश हुए थे. वहां, दिये गये उनके बयान के बाद अंग्रेजी हुकूमत के पांव उखड़ गये थे. एसडीओ कोर्ट में पेशी व गांधी जी द्वारा दिये गये बयान की यादें इस कार्यक्रम के माध्यम से ताजा हुई. मुख्यमंत्री भी सत्याग्रह शताब्दी को लेकर जिलावासियों को संबोधित किया और कहा कि गांधी जी के विचारों को आम लोगों तक और आम जनों तक पहुंचाने के लिए ही इस पदयात्रा का आयोजन किया गया है.
स्वतंत्रता सेनानी सम्मान समारोह :सांप्रदायिकता से भी आजादी पाने की जरूरत