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जन-जन में बापू को जिंदा करना है : सीएम

मोतिहारी : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम जनमानस में गांधी को जिंदा करना चाहते हैं. सौ साल पहले जो हुआ, उसे सब लोगों को जानना चाहिए. मुख्यमंत्री मंगलवार को पदयात्रा के बाद मोतिहारी के गांधी मैदान में चंपारण सत्याग्रह स्मृति समारोह को संबोधित कर रहे थे. इससे पहले उन्होंने 18 अप्रैल, 1917 को […]

मोतिहारी : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम जनमानस में गांधी को जिंदा करना चाहते हैं. सौ साल पहले जो हुआ, उसे सब लोगों को जानना चाहिए. मुख्यमंत्री मंगलवार को पदयात्रा के बाद मोतिहारी के गांधी मैदान में चंपारण सत्याग्रह स्मृति समारोह को संबोधित कर रहे थे. इससे पहले उन्होंने 18 अप्रैल, 1917 को एसडीओ कोर्ट में गांधी जी के दिये गये बयान का मंचन देखा.
सीएम ने कहा, 70 साल पहले जो आजादी मिली, उसके बारे में भी पता होना चाहिए कि उस लड़ाई में कितने लोगों ने कुरबानी दी. 10 अप्रैल से शुरू चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह साल भर चलेगा. 17 अप्रैल को पटना में देश भर के स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया गया. लगभग 38 मिनट लंबे भाषण की शुरुआत मुख्यमंत्री ने 18 अप्रैल, 1917 के दिन हुए घटनाक्रम का विस्तार से जिक्र करते की. कहा कि चंपारण सत्याग्रह में 18 अप्रैल का दिन सबसे महत्वपूर्ण था, क्योंकि इसी दिन सत्याग्रह की राह में आनेवाली पहली बड़ी बाधा दूर हुई थी. उसके बाद किसानों पर नील की खेती करने की पाबंदी को समाप्त किया गया. उन पर लगाये गये तमाम तरह के टैक्स वापस लिये गये और जब चंपारण सत्याग्रह सफल हुआ, तो गांधी जी वहीं पर नहीं रुके. उन्होंने इस इलाके में शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए काम किया. उन्होंने कस्तूरबा और अपने बेटे को बुलाया.
गुजरात व महाराष्ट्र से कई शिक्षाविदों को आमंत्रित किया. हम तो बड़हरवा लखनसेन के उस बुनियादी विद्यालय में गये हैं, जिसे बापू ने स्थापित किया था. यह चंपारण में बापू का स्थापित किया पहला स्कूल था. बापू ने कहा था कि मेरा जीवन ही मेरा संदेश है और उस संदेश को हम लोग सरजमीं पर उतारने की कोशिश कर रहे हैं. नारी सशक्तीकरण की दिशा में हमने काम किया. लड़कियों की शिक्षा पर जोर दिया. स्वयं सहायता समूह के जरिये महिलाओं को संगठित किया. ये कोई मामूली बात नहीं है. बिहार में जो कुछ हो रहा है, वह बापू के सपनों को साकार करने का काम हो रहा है. लोगों को मालूम नहीं है, वे हवा में तैरते रहे, लेकिन हमलोग जमीन पर काम कर रहे हैं. वह गहराई से लोगों के दिलों में जा रहा है. शराबबंदी को हम नशामुक्ति की ओर ले जा रहे हैं. इसी कड़ी में हमने बीती 21 जनवरी को मानव शृंखला बनवायी थी, जिसमें चार करोड़ लोगों ने भाग लिया. ऐसा दुनिया में कहीं उदाहरण नहीं है. यह जनभावना का प्रतीक है, जो शराबबंदी और नशामुक्ति चाहती है. हमने चंपारण शताब्दी वर्ष में ही शराबबंदी लागू करने का फैसला लिया और उसका सख्ती से पालन भी हुआ. मुख्यमंत्री ने फिर कहा कि बापू के 150 वीं जयंती वर्ष में देश भर में शराबबंदी लागू हो, यही हमारी मांग है. मुख्यमंत्री ने गोवा का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि गोवा में अध्ययन किया गया. इसमें ये सामने आया कि जिस परिवार के मर्द शराब पीते हैं. उनके घर की महिलाएं सबसे ज्यादा डिप्रेशन का शिकार हो रही हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर घर का प्रधान शराब पियेगा, तो उनके घर की महिला डिप्रेशन का शिकार हो जायेगी.
मुख्यमंत्री को सुनने के लिए जीविका की दीदियां बड़ी संख्या में पहुंची थीं, जिन्हें मुख्यमंत्री ने बाल विवाह व दहेजप्रथा के खिलाफ संकल्प दिलाया. साथ ही सभा में आये, अन्य लोगों को दहेज न लेने और न देने की बात भी कही. मुख्यमंत्री ने इसके लिए हाथ उठवा कर सबसे संकल्प लिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से बिहार में काम हो रहा है. हमलोग कई कामों को आगे बढ़ा रहे हैं. यहीं से सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद पड़ी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं तो इसको अपना सौभाग्य मानता हूं कि चंपारण शताब्दी वर्ष के दौरान आप लोगों ने हमें काम करने का मौका दिया है. हमलोग इस अवसर का सदुपयोग कर रहे हैं. गांधी जी के विचार को हम जन-जन तक पहुंचायेंगे. हर गांव व हर टोले में रथ जायेगा. बापू तेरे द्वार..कार्यक्रम के तहत घर -घर में दस्तक दी जायेगी.
2019 में बिहार दिखायेगा देश को दिशा : तेजस्वी
सभा में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि 2019 में बिहार देश को दिशा दिखायेगा. उन्होंने कहा कि हमको तय करना है कि किस विचारधारा पर अागे बढ़ेंगे. विकास के रास्ते पर चलेंगे या फिर विनाश के. कुछ लोग गोडसे की विचारधारा को आगे बढ़ाने की बात कह रहे हैं, जो विनाश लाती है. जबकि गांधी जी शांति, भाईचारा व प्रेम की बात करते थे. आज जैसा माहौल है, उसमें अगर हम गांधीवादी विचारधारा पर नहीं चलेंगे, तो देश के टुकड़े हो जायेंगे.
स्वतंत्रता सेनानी सम्मान समारोह में कह कर नहीं आये गृह मंत्री
मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानी सम्मान समारोह की चर्चा करते हुए कहा कि हमने सभी दलों को आमंत्रण दिया था.राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी समारोह में शरीक हुए. हमने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को भी आमंत्रण दिया था. उन्होंने कहा था कि आ जायेंगे, लेकिन कह कर भी नहीं आये. पता नहीं क्यों नहीं आये? हमारे आमंत्रण की वजह भी थी, क्योंकि स्वतंत्रता सेनानी सम्मान योजना भारत सरकार के गृह मंत्रालय से संचालित है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कई दलों के लोगों ने सहमति दे दी थी. भाजपा ने भी दी थी, लेकिन कह करके अंतिम समय पर नहीं आये. इसको लेकर हमारी कोई शिकायत नहीं है, क्योंकि गांधी जी का यही विचार है. उनके विचार से हम प्रभावित हैं. हम उनके विचारों पर चलते हैं.
किसान कुंभ लगाइए पर 2014 का अपना वादा पूरा कीजिए
मुख्यमंत्री ने मोतिहारी में लगे किसान कुंभ की चर्चा की और कहा कि आप खूब किसान कुंभ लगाइए, लेकिन मेरी एक प्रार्थना है. 2014 में आपने जो किसानों को फसल की लागत का 50% ज्यादा देने की बात कही थी, उसे लागू कर दीजिए. घोषणा के तीन साल बीत चुके हैं.कोई बात नहीं, आप अब भी इसे लागू करने की घोषणा कर दीजिए. अगर आप इसको घोषित करेंगे, तब तो इसका कोई मतलब है, गांधी जी के चंपारण सत्याग्रह पर काम कर रहे हैं. उनका मूल मंत्र सत्य और अहिंसा है, लेकिन आज देख रहे हैं कि हिंसा का बोलबाला है. चारों ओर जैसा माहौल है, उससे छुटकारा दिलाना है. सत्याग्रह क्या है, जो बोलो, उसे करो. हमलोगों ने आज तक जो कहा है, उसे करके दिखाया है. हमें उम्मीद है कि लोगों ने जो कहा है, वो करें.

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