मोतीझील पुल में आयी दरार, बढ़ा खतरा
धनुषाकार पुल के लिए प्रस्ताव सात करोड़ का मोतिहारी : मोतीझील पुल में दरार आने व सामान्य सड़क से करीब छह इंच नीचे झुकने के कारण पुल के धंसने का खतरा बढ़ गया है. नीचे लगा लोहे का बिंब भी झूल रहा है. अगर, पुल ध्वस्त हुआ तो शहर दो भागों में बंट जायेगा. दस […]
धनुषाकार पुल के लिए प्रस्ताव सात करोड़ का
मोतिहारी : मोतीझील पुल में दरार आने व सामान्य सड़क से करीब छह इंच नीचे झुकने के कारण पुल के धंसने का खतरा बढ़ गया है. नीचे लगा लोहे का बिंब भी झूल रहा है. अगर, पुल ध्वस्त हुआ तो शहर दो भागों में बंट जायेगा. दस कदम की दूरी मीना बाजार आने के लिए पांच किलोमीटर का फेरा लगाना होगा. मामले की गंभीरता को लेकर मंगलवार की शाम नगरपालिका के अधिकारी व कर्मियों ने पुल का निरीक्षण किया, जिसके कारण जाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी. बड़े वाहनों के गुजरने पर पुल में कंपन हो रहा है. ऐसे में पुल कभी भी ध्वस्त हो जाये तो आश्चर्य नहीं.
बनना था धनुषाकार पुल : मोतीझील व पुल का निरीक्षण दो मुख्यमंत्री ने बारी-बारी से किया. झील विकास के साथ पुल निर्माण की भी कवायद शुरू हुई. वर्तमान पुल की जगह धनुषाकारा पुल बनाने का प्रस्ताव दिया गया. मामले को लेकर पुल निर्माण निगम ने स्वाल टेस्ट कर पुल निर्माण की दिशा में करीब सात करोड़ का प्राक्लन बनाया. लेकिन विभागीय पेच के कारण पुल निर्माण की प्रक्रिया ठंडे बस्ते में डाल दी गयी और पुल नहीं बन सका.
डायवर्सन का प्रस्ताव भी ठंडे बस्ते में : जर्जर पुल की जांच संबंधित विभाग पीडब्ल्यूडी द्वारा भी की गयी. पुल की कमजोर स्थिति को देखते हुए दोनों ओर से डायवर्सन का प्रस्ताव दिया गया, लेकिन प्रस्ताव आज भी ठंडे बस्ते में है. कार्यपालक अभियंता को वैशाली नगरपालिका चुनाव में अधिकारी बनाये जाने के कारण उनसे संपर्क नहीं हो सका़ विभागीय कर्मियों ने बताया कि दो बार डायवर्सन का प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन प्रस्ताव स्वीकृत नहीं हुआ. पुल कमजोर है. इससे इनकार नहीं किया जा सकता है. डायवर्सन निर्माण की स्वीकृति मिली तो शीघ्र डायवर्सन बना दिया जायेगा.