सातवां वेतन लागू नहीं तो आंदोलन करेगा कर्मचारी संघ
मोतिहारी : बिहार सरकार द्वारा सातवां वेतन आयोग की अनुशंसा के आधार पर एकजनवरी 2016 से प्रभावी सातवां वेतनमान का लाभ बिहार के कर्मचारियों, शिक्षकों को नहीं दिये जाने के राज्य मंत्रीमंडल के फैसले पर बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोपगुट) के नेतृत्व में संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने काफी आक्रोश व्यक्त किया है. इसे संगठन […]
मोतिहारी : बिहार सरकार द्वारा सातवां वेतन आयोग की अनुशंसा के आधार पर एकजनवरी 2016 से प्रभावी सातवां वेतनमान का लाभ बिहार के कर्मचारियों, शिक्षकों को नहीं दिये जाने के राज्य मंत्रीमंडल के फैसले पर बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोपगुट) के नेतृत्व में संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने काफी आक्रोश व्यक्त किया है. इसे संगठन ने सरकार की घोर धोखाधड़ी करार दिया है.
संगठन ने चेतावनी देते हुए कहा कि 10 जून 2017 तक राज्य सरकार द्वारा सातवां वेतनमान के लाभ का निर्णय नहीं लिया जाता है तो उसके बाद अनिश्चितकालिन हड़ताल की घोषणा कर दी जायेगी, जिसमें सचिवालय से लेकर प्रखंड, अंचल तक के कर्मचारी कार्य को पूर्णत: ठप कर देंगे. संगठन ने कहा कि एक सप्ताह पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश ने सरकारी कर्मियों एक जनवरी 2016 के प्रभाव से सातवां वेतनमान का लाभ देने की बात कहीं. लेकिन 16 मई 2017 को मंत्रीमंडल के निर्णय में एक अप्रैल 2017 से आर्थिक लाभ दिये जाने की बात कह कर्मियों के साथ धोखाधड़ी की गयी. संगठन ने एक जनवरी 2016 से सातवां वेतनमान का लाभ देने के लिए जिला मुख्यालय से लेकर मुख्यमंत्री के समक्ष कई
बार धरना-प्रदर्शन कर मांग पत्र मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री एवं महामहिम राज्यपाल को दिया.
साथ ही यह भी चेतावनी दी गयी कि यदि हमारी मांगे नहीं मानी गयी तो हमलोग अनिश्चितकालिन हड़ताल करेंगे. इसके ले 19 अप्रैल को एक बजे प्रतिरोध मार्च निकाला जायेगा.
बैठक की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष नंदकिशोर उपाध्याय ने की. बैठक में जिला सचिव भाग्यनारायण चौधरी, भूपेंद्र कुमार लाल, राजेश कुमार मिश्र, विरेश कुमार सिंह, जगत सिंह, हजारी शर्मा, शिवलाल महतो आदि नेताओं ने संबोधित किया.
सातवां वेतन लागू करने की मांग
मांग पूरी नहीं होने पर होगा आंदोलन