मोतिहारी : बिहार में मोतिहारी के चर्चित सिमरनदुष्कर्ममामले में आजन्यायालय ने दो दोषियों को आजीवन कारवास की सजा सुनायी है. साथ ही विभिन्न धाराओं के तहत कोर्ट ने 75-75 हजार रुपये काआर्थिक जुर्माना भी लगाया है.
प्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने बुधवार को सिमरन के साथ हुए दुष्कर्म मामले में सजा के बिंदु पर सुनवाई पूरी करते हुए दो नामजद लोगों को पॉस्को एक्ट सहित भारतीय दंड विधान की आधा दर्जन धाराओं में सजा सुनायी है. सजा पानेवालों में राजू मियां एवं मो. इसरार शामिल हैं. इससे पहले 17 मई 2017 को न्यायालय ने सुनवाई पूरी कर दोनों को दोषी करार दिया था.
इस मामले में मुख्य अभियुक्त शमीम फिलहाल नेपाल के वीरगंज जेल में बंद है. कोर्ट से फैसला आने के बाद सिमरन के परिजनों ने केंद्र सरकार से शमीम के प्रत्यर्पण की मांग की है. शमीम और उनके साथियों पर सिमरन के माता-पिता और इकलौते भाई की हत्या करने के बाद उसे बंधक बनाकर देह व्यापार कराने का आरोप था.
जानकारी के मुताबिक पीड़िता के पिता राजीव सिंह किसी मामले में डुमरा मंडलकारा में बंद थे तभी उनकी पहचान शमीम से हुई थी. बाद में दोनों के बीच घनिष्ठता बढ़ गयी और शमीम उनके घर आने जाने लगा. शमीम की नजर राजीव सिंह की संपत्ति पर थी. पहले उसने राजीव सिंह और उनके पुत्र अमनदीप की हत्या करवा दी और फिर सिमरन की मां के साथ अवैध संबंध स्थापित कर साथ रहने लगा. बाद में शमीम ने सिमरन की मां खुशबू की भी 2012 में हत्या कर दी.
आम तोड़ने के विवाद में दो भाइयों की पीट-कर हत्या
मां की हत्या करने के बाद शमीम ने सिमरन से अवैध संबंध बना लिये और उससे देह व्यापार कराने लगा. पुलिस ने 22 फरवरी 2015 को सिमरन को शमीम के कैद से मुक्त कराया. मुख्य अभियुक्त शमीम का नाम कानपुर रेल हादसा की जांच के दौरान आया था जब एनआइए और खुफिया विभाग की टीम ने घोड़ासहन रेल हादसा की जांच करने मोतिहारी आयी थी.