बारिश के बीच तिरपाल में सिसक रही बाढ़ पीड़ितों की जिंदगी, जानें क्या खिला रहे हैं बच्चों को
गोपालगंज. सुरवल के पास सरफरा-सीवान पथ पर दर्जनों रंग-बिरंगे तिरपाल टंगे हैं. भादो की अंधेरी रात में रह-रहकर बिजली चमक रही है. बारिश की बूंद रुकने का नाम नहीं ले रही है. सड़क के अलावा हर तरफ पानी-ही-पानी है. इस बरसाती रात में स्टेट हाइवे पर टंगे तिरपालों में आसमानी आफत के बीच सिसक रही हैं सैकड़ों जिंदगियां.
गोपालगंज. सुरवल के पास सरफरा-सीवान पथ पर दर्जनों रंग-बिरंगे तिरपाल टंगे हैं. भादो की अंधेरी रात में रह-रहकर बिजली चमक रही है. बारिश की बूंद रुकने का नाम नहीं ले रही है. सड़क के अलावा हर तरफ पानी-ही-पानी है. इस बरसाती रात में स्टेट हाइवे पर टंगे तिरपालों में आसमानी आफत के बीच सिसक रही हैं सैकड़ों जिंदगियां. मूसलधार बारिश के बीच चंपा देवी तिरपाल में टपक रही बूंदों को रोकने और अपने बच्चों को भीगने से बचाने के लिए बार-बार अपनी साड़ी टांग रही है. यह दर्द किसी एक का नहीं है, बल्कि जिले के 40 हजार से अधिक परिवारों का है, जो आज भी सड़कों, स्टेशनों और तटबंधों पर शरण लिये हैं. बात ऐसी नहीं कि इनके घर नहीं हैं. इनको भी अपने घर हैं, लेकिन बाढ़ ने इन्हें बेघर कर दिया है. मंगलवार की शाम से बुधवार की दोपहर तक बारिश का कहर जारी था. बाढ़ग्रस्त इलाकों में पीड़ितों के दर्द पर बारिश आग में घी का काम कर रही है. बारिश का सबसे अधिक असर बाढ़पीड़ितों पर पड़ रहा है. 23 जुलाई को बांध टूटने के बाद गंडक का फैला पानी अब भी 85 से अधिक गांवों में है. 40 हजार से अधिक लोग देवापुर सारण तटबंध, सरफरा-सीवान स्टेट हाइवे, मांझाा, रतन सराय, सिधवलिया और बैकुंठपुर रेलवे स्टेशन पर शरण लिये हुए हैं.
महम्मदपुर में चौकी पर कट रही बाढ़पीड़ितों की जिंदगी
महम्मदपुर. सिधवलिया प्रखंड के मटौली गांव के मुसहर टोले में बाढ़ का कहर है. घर-द्वार पानी में डूबे हैं. सभी खुले आसमान में जिंदगी बसर करने को मजबूर हैं. बाढ़पीड़ितों से इंद्रदेव भी नाराज हैं. छाते के सहारे जिंदगी कट रही है. शंभू परिवार चौकी गुजर कर रहा है. पत्नी लखपतिया व बेटी सोनिया सहित बच्चे रात में सोते हैं और पति रात भर जग कर पहरा देता हैं. जंगली जानवर और पहाड़ी सर्प का पल-पल डर है. पानमातो देवी, सबीना देवी, रेखा देवी, मंगली देवी सहित दर्जनों महिलाओं ने बताया कि कई दिनों से हम लोग मछली पकड़ बच्चे को खिला रहे हैं. किसी तरह गुजर-बसर कर लेते हैं, लेकिन अब परेशानी बढ़ती जा रही है. घर पानी में डूबा है, जलावन कहीं मिलता नहीं और गांव से निकलने के सभी रास्ते बंद हैं. प्रत्येक दिन कमा कर हम लोग खाते थे. अब न घर में पैसा है और न ही अनाज.
घर डूबा हुआ है, सड़क पर बह रहा पानी
सिधवलिया प्रखंड की बाढ़ का पानी मंगलवार की रात से बंजरिया गांव के मुख्य पथ पर बह रहा है. इस कारण गांव में रह रहे करीब तीन हजार लोगों का आवागमन मुख्य पथ से कट चुका है. शुभम मिश्रा, अवधेश मिश्रा, विनोद तिवारी, साजन साह, जनेश्वर मिश्रा ने बताया कि वार्ड नंबर 11, 12 के मुख्य पथ पर पानी बह रहा है. बाढ़ के पानी का वेग तेज होन से डूबने का खतरा है. चारों तरफ पहले से ही पानी है. सड़क पर पानी बहने से गांव वालों की मुसीबत बढ़ गयी है.
गांव में जाने के लिए लेना पड़ रहा नाव का सहारा
बरौली. गंडक की बाढ़ ने लोगों के अरमानों पर पानी फेर दिया है. कल तक जो लोग घर से निकलते ही सड़कों पर फर्राटे भरते थे, वही आज गांव में जाने के लिए नाव का सहारा ले रहे हैं. बरौली नगर पंचायत के सुरवल के लोग सड़क पर शरण लिये हैं. घर जाने के लिए नाव इनका सहारा बनी है. विद्या प्रसाद, रतिलाल बीन, बच्चु बीन, सतेंद्र मिश्रा सहित चार सौ से अधिक परिवार बाढ़ से परेशान हैं. 215 लोगों को सरकारी पॉलीथिन मिल गया, लेकिन 350 अब भी भगवान भरोसे हैं. वार्ड पार्षद हरि यादव ने कहा कि नगर पंचायत से जो पॉलीथिन मिला बांट दिया गया.
बाढ़ क्षेत्र में भूखे पशुओं को बचाने की कवायद शुरू
बरौली : 23 जुलाई को देवापुर में बांध टूटने के साथ ही एकाएक दर्जनों गांव बाढ़ के पानी से जलमग्न हो गये. क्या इंसान, क्या पशु सभी को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. खेतों में सात से आठ फुट पानी के कारण हरा चारा मिलना मुश्किल, किसानों के डेहरी में रखे भूसे बाढ़ के पानी में बह गये, पैसे नही कि चोकर मिले, पैसे मिले तो बाढ़ ने आवागमन के सभी रास्ते बंद कर दिये और पशुओं की जिंदगी भगवान भरोसे हो गयी. उनके जिंदा रहने का आधार केवल पेड़ों की पत्तियां तथा राहत में मिलने वाली खाद्य सामग्री रही जो उनके मालिकों को समाजसेवी दे रहे थे. प्रभात खबर ने अपने आठ अगस्त के अंक में ‘पशुचारे की समस्या से जूझ रहे बाढ़पीड़ित’ शीर्षक से इस समस्या को प्रमुखता से प्रकाशित किया था जिस पर ध्यान देते हुए समाजसेवी चितलाल साह ने पथरा, देवापुर, प्यारेपुर, सुरवल, रतनसराय, पारसा, बलहां, खरबनवां, रामपुर, पचरूखिया आदि गांवों में तथा भाजपा के मुख्य जिला प्रवक्ता पिंटूलाल श्रीवास्तव ने नवादा, बभनौली, कमालपुर, माड़नपुर, चंदनटोला सहित अन्य कई गांव में बाढ़पीड़ित पशुपालकों के बीच पशुओं के लिए चारा पहुंचाया.
posted by ashish jha