गर्मी बढ़ने के साथ ही इन दिनों अस्पताल में स्किन प्रॉब्लम, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द सहित अन्य कई बीमारियों से ग्रसित लोग आ रहे हैं. वहीं बच्चों में कोल्ड डायरिया की शिकायतें आ रही है. बताया जा रहा है कि मौसम में आद्रता बढ़ गयी है.
जून महीने की गर्मी अभी से पड़ने लगी है. पसीने अत्यधिक आने से शरीर में सोडियम, पोटैशियम की कमी होने लगती है, जिससे मसल्स में दर्द होने लगती है. चिकित्सकों ने बताया कि गर्मी पड़ने के साथ ही शरीर से अत्यधिक पसीना आने लगता है, जिससे फंगस ग्रोथ करने लगता है. ऐसे में साफ-सफाई पर अत्यधिक जोर देने की सलाह चिकित्सक दे रहे हैं.
चिकित्सकों ने बताया कि प्रत्येक दिन सौ से डेढ़ सौ मरीज स्कीन प्रॉब्लम को लेकर आ रहे हैं, उन्हें दवा के साथ ही घरेलू उपचार भी बताया जा रहा है. इनमें महिलाओं की संख्या अधिक है. चिकित्सक बताते है कि गर्मी के मौसम में दोनों समय स्नान करें, धूप से बचें एवं हमेशा सूती कपड़ा का ही प्रयोग करें. इससे कुछ हद तक फंगस से निजात पाया जा सकता है. चिकित्सक डॉ आरके वर्मा ने बताया कि इस मौसम में खीरा, नींबू पानी, तरबूज, ककरी आदि का प्रयोग करना चाहिए.
सदर अस्पताल में प्रत्येक दिन 15 से 20 बच्चे कोल्ड डायरिया से पीड़ित आ रहे हैं. इनमें वैसे बच्चे हैं, जो अमूमन छह माह से लेकर छह साल तक के हैं. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अमृतांशु ने बताया कि गर्मी के मौसम में बच्चों के शरीर में पानी की कमी न होने दें. अगर पीला एवं पतला दस्त हो तो ओआरएस का घोल पिलायें. यदि उससे भी दस्त पर काबू नहीं पाया जाता है तो जिंक सिरप 14 दिनों तक पिलायें.
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मोतिहारी
जिले के सभी पीएचसी के चिकित्सा पदाधिकारियों, प्रखंड समन्वयकों को चमकी बुखार से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया. वहीं बताया गया कि जो मरीज को निजी वाहन से लायेगा उस वाहन का खर्च सरकार देगी. पीएचसी स्तर पर एईएस एवं जेई से जो भी संबंधित जांच है, उसके विषयों में जानकारी ले. प्रशिक्षण डॉ अमृतांशु एवं डॉ पंकज कुमार ने दी.
तिथि पुरुष महिला
1 अप्रैल- 286 183
2 अप्रैल- 176 184
4 अप्रैल- 292 227
5 अप्रैल- 171 156
6 अप्रैल- 210 178
Published By: Anand Shekhar