रक्सौल : कोरोना वायरस को लेकर भारत-नेपाल सीमा हाई अलर्ट पर है. भारत सरकार ने नेपाल के रास्ते आने वाले विदेशी पर्यटकों के आवागमन पर रोक लगा दी है, तो नेपाल से आने वाले नेपाली नागरिकों की जांच की जा रही है. थर्मल थर्मामीटर से मेडिकल जांच के बाद ही नेपाल से आने वाले लोगों को भारत में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है. हालांकि, कम संसाधन और मैन पावर की कमी के कारण यह नहीं कहा जा सकता है कि, जांच शत-प्रतिशत हो रही है. लेकिन जो भी संसाधन है, उससे जांच करने में चिकित्सकों की टीम कोताही नहीं बरत रही है.
पीएचसी प्रभारी डॉ शरतचंद्र शर्मा ने बताया कि रक्सौल लैंड कस्टम स्टेशन पर राउंड टू क्लॉक टीम को तैनात किया गया है. प्रभात खबर की टीम द्वारा दोपहर तीन बजे से लेकर शाम चार बजे तक सीमा के दोनों तरफ कोरोना वायरस को लेकर चल रहे चेकिंग अभियान की समीक्षा की गयी. इस दौरान पाया गया कि रक्सौल बॉर्डर पर इमिग्रेशन कार्यालय में डॉ मो. सुल्तान अहमद के नेतृत्व में डॉ शमीम अख्तर व स्वास्थ्य कर्मी अली इरफान मौजूद थे और नेपाल से पैदल आ रहे लोगों की जांच की जा रही थी. संख्या बल कम होने के कारण वैसे लोग, जो ऑटो से आ रहे थे उसकी जांच नहीं हो पा रही थी.
दूसरी तरफ नेपाल की सीमा में शंकराचार्य गेट के पास मेडिकल टीम को तैनात किया गया था, यहां पर पैदल व ऑटो दोनों से आने-जाने वाले लोगों की जांच हो रही थी. सीमा पर काम कर रहे डॉ सुल्तान ने बताया कि, जो भी उपलब्ध संसाधन है, उसमें हमारी टीम काम कर रही है. किसी व्यक्ति के शरीर का तापमान 100 से ऊपर रह रहा है, तो उसको संदिग्ध मान कर जांच की जा रही है, जबकि नेपाल में भी 100 से अधिक तापमान पर प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है, वहां से लोगों को तुरंत जांच के लिए भेजा जा रहा है.