Municipal Election: पूर्वी चंपारण में आठ संतान के पिता का नामांकन रद्द, मां को मिली चुनाव लड़ने की अनुमति
राज्य निर्वाचन आयोग ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए जिला निर्वाचन पदाधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिया कि पति का नामांकन रद्द कर दिया जाये और पत्नी के नामांकन को वैध मानते हुए उसे चुनाव लड़ने की अनुमति दी जाये.
शशिभूषण कुंवर, पटना: राज्य निर्वाचन आयोग के पास नगरपालिका चुनाव में प्रत्याशियों के नामांकन को लेकर दिलचस्प मामला सामने आया है. एक प्रत्याशी की दो बीवियां और आठ संतान हैं. नगरपालिका चुनाव को लेकर पति और पत्नी दोनों ने नामांकन पत्र दाखिल किया है. निर्वाची पदाधिकारी इसको लेकर पेसोपेश में थे कि दोनों में पति और पत्नी के नामांकन को किस आधार पर स्वीकृत किया जाये और अगर उसे खारिज किया जाता है, तो उसका आधार क्या हो.
दो से अधिक संतान वाले प्रत्याशियों का नामांकन अवैध
नगरपालिका चुनाव में दो से अधिक संतान वाले प्रत्याशियों के नामांकन को अवैध माना गया है. इसको लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए जिला निर्वाचन पदाधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिया कि पति का नामांकन रद्द कर दिया जाये और पत्नी के नामांकन को वैध मानते हुए उसे चुनाव लड़ने की अनुमति दी जाये.
वार्ड पार्षद पद के लिए नामांकन
राज्य निर्वाचन आयोग के पास यह मामला पूर्वी चंपारण जिले के जिला निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा भेजा गया था. मोतिहारी नगर निगम चुनाव में किसी प्रत्याशी के दो शादियों की स्थिति में नामांकन को लेकर दिशा निर्देश की मांग की गयी थी. मोतिहारी नगर निगम के वार्ड संख्या एक से शेख दारा उर्फ शेख दास और उसकी पत्नी शबाना बेगम ने वार्ड पार्षद पद के लिए नामांकन दाखिल किया था.
शबाना दारा की दूसरी पत्नी है
शबाना दारा की दूसरी पत्नी है. शबनम को एक संतान हैं, जिसका जन्म 2017 में हुआ है. इसके पहले दारा को चार अप्रैल 2008 के पहले ही सात संतान हैं. ऐसे में दोनों अभ्यर्थियों के नामांकन पत्र में कुल संतानों को लेकर क्या किया जाये. आयोग ने मामले को लेकर जिलाधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिया कि दूसरी पत्नी शबाना से वर्ष 2017 में जन्मे बच्चे को लेकर कुल आठ संतान हो जाते हैं. ऐसे में पिता को आठ संतान होने के कारण उसको अयोग्य घोषित किया जाये. उनकी पत्नी शाबाना द्वारा केवल एक बच्चे को जन्म दिया गया है. ऐसे में शाबाना के नामांकन पत्र को स्वीकृति दी जाये. इससे सभी संबंधित निर्वाची पदाधिकारियों को अवगत कराने का निर्देश भी दिया गया.