बिहार: बेटी की शादी के लिए लिया कर्ज न चुकाने पर ट्रैक्टर चालक को मिली खौफनाक सजा, गला घोंटकर हत्या

बिहार के पश्चिम चंपारण के लौरिया में कर्ज का पैसा नहीं चुका पाने पर ट्रैक्टर चालक को खौफनाक सजा मिली है. उसका गला घोंट कर हत्या कर दी गयी. फिर शव को गन्ने के खेत में फेंक दिया गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 11, 2023 8:30 PM

बिहार के पश्चिम चंपारण के लौरिया में कर्ज का पैसा नहीं चुका पाने पर ट्रैक्टर चालक को खौफनाक सजा मिली है. उसका गला घोंट कर हत्या कर दी गयी. फिर शव को गन्ने के खेत में फेंक दिया गया. घटना थाना क्षेत्र के वृति सिसवनिया गांव की है. उसकी पहचान स्थानीय महेश साह के रूप में हुई है. महेश की पत्नी के आवेदन पर लौरिया पुलिस ने तीन घंटे के भीतर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया. शव को भी गन्ने के खेत से बरामद कर लिया गया है. हत्या का कारण पैसे का लेन-देन बताया गया है. महेश ने पिछले साल अपनी बेटी की शादी में गांव के ही मयंक उर्फ झुन्ना सिंह से कर्ज लिया था. उसे चुकाने के लिए वह समय पर समय मांग रहा था. आरोप है कि झुन्ना महेश को बुलाकर शौच करने के बहाने सरेह में ले गया और उसकी गला दबाकर हत्या कर दी. नरकटियागंज एसडीपीओ कुंदन कुमार ने बताया कि पुलिस ने तीन घंटे के अंदर घटना का न सिर्फ खुलासा कर दिया है, बल्कि आरोपित की गिरफ्तारी के साथ शव को भी बरामद कर लिया है.

10 जून से लापता था महेश

10 जून को सिसवनिया की गीता देवी ने लौरिया थाने में एफआइआर दर्ज करायी थी. बताया था कि उसके पति को नौ जून को शत्रुघ्न पटेल शाम के साढ़े सात बुलाकर ले गये. बताया कि उन्हें झुन्ना सिंह बुलाये हैं. जब पति रात के नौ बजे तक घर नहीं पहुंचे, तो वह शत्रुघ्न और झुन्ना सिंह के घर जाकर अपने पति के बारे में पूछताछ की. उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया. घर वापस लौटने के क्रम में सरेह की ओर जाने वाले रास्ते में उसके पति की चप्पल मिली थी. उसने आवेदन में कहा था कि उसे ऐसा लग रहा है कि उसके पति की हत्या झुन्ना सिंह ने कर दी है.

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छह बेटियों में एक की ही हुई है शादी

महेश की छह बेटियों में से अभी एक ही शादी हुई है. इसमें भी महेश ने बड़ी बेटी की शादी कर्ज लेकर की थी. अब उसकी हत्या के बाद परिवार के लोगों का रो-रो कर बुरा हाल है. पेशे से ट्रैक्टर चालक महेश ही अपने घर का एकमात्र कमाऊ सदस्य था. ग्रामीणों की मानें, तो झुन्ना सिंह ब्याज पर पैसा चलाता था. वह तमाम लोगों को कर्ज के रूप में पैसा देता है. उनसे ब्याज के साथ रुपये की वसूली करता था. महेश ने भी इसी से कर्ज लिया था.

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