चनपटिया बाजार बंद, निकाला मार्च
गुस्सा. चावल-चूड़ा व्यवसायी हत्याकांड के विरोध में सड़क पर उतरे कारोबारी बेतिया/चनपटिया : चावल-चूड़ा व्यवसायी भरत प्रसाद की हत्याकांड के विरोध में बुधवार को नगर के व्यवसायियों का गुस्सा फूट गया. गुस्साये व्यवसायियों ने बाजार बंद कर दिया व नगर में हुए हत्याकांड को अब तक नहीं सुलझाने को लेकर विरोध मार्च निकाला. मार्च शहर […]
गुस्सा. चावल-चूड़ा व्यवसायी हत्याकांड के विरोध में सड़क पर उतरे कारोबारी
बेतिया/चनपटिया : चावल-चूड़ा व्यवसायी भरत प्रसाद की हत्याकांड के विरोध में बुधवार को नगर के व्यवसायियों का गुस्सा फूट गया. गुस्साये व्यवसायियों ने बाजार बंद कर दिया व नगर में हुए हत्याकांड को अब तक नहीं सुलझाने को लेकर विरोध मार्च निकाला.
मार्च शहर के विभिन्न चौक-चौराहे से होकर निकाला गया. इस दौरान नगर की सभी छोटी व बड़ी दुकानें बंद रही. आक्रोशित व्यवसायियों ने अपनी सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाया.
चार दिन बीत जाने के बावजूद भी हत्याकांड की गुत्थी नहीं सुलझाने पर पुलिस की कार्य शैली पर भी अंगुली उठाया. विरोध मार्च में शामिल व्यवसायी रामजी प्रसाद, सुरेश प्रसाद, विकास कुमार, रिजवान अंसारी, महफूज राजा, रवि कुमार, चंद्रमोहन प्रसाद, रमेश विद्यार्थी, धर्मेश जायसवाल, अविनाश कुमार, रवि कुमार आदि का कहना था
कि आये दिन दिन-दहाड़े व्यवसायियों के साथ लूटपाट की घटना घट रही है. अब बेखौफ अपराधी व्यवसायियों की हत्या भी कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में वे अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. दहशत व आतंक के साये में वे अपना व्यवसाय कैसे कर सकते हैं? अंत में आक्रोशित व्यवसायियों ने चनपटिया थानाध्यक्ष को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन भी सौंपा. जिसमें व्यवसायियों की सुरक्षा, हत्याकांड को अंजाम देने वाले अपराधियों की गिरफ्तारी सहित कई प्रमुख मांगें शामिल है.
चार जून को अपराधियों ने व्यवसायी की गोली मार की थी हत्या : सिकटा व मैनाटांड़ से लहना वसूल कर लौट रहे चनपटिया निवासी चावल-चड़ा व्यवसायी भरत प्रसाद की अपराधियों ने चार जून की देर शाम माजर पुल के समीप गोली मारकर हत्या कर दी थी. लहना के चार लाख रुपये व जरूरी कागजात लूट लिये थे.
घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी आराम से फरार हो गये थे. हालांकि पुलिस के वरीय पदाधिकारी ने गोपालपुर व बलथर थाना के थानाध्यक्षों को अपराधियों की धड-पकड़ कर निर्देश दिया था, लेकिन चार तीन बीत जाने के बावजूद भी पुलिस हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में सफल नहीं हुई है. जबकि व्यवसायी का परिवार अब भी दहशत व खौफ में जी रहा है.