ग्रामीणों ने खुद ही बना डाली डेढ़ किमी सड़क श्रमदान

मैनाटांड़ : किसी ने नहीं सुनी फरियाद तो एकजुट हुए सैकड़ों ग्रामीणों ने खुद भर भरोसा किया और डेढ़ किमी सड़क का निर्माण श्रमदान के बलबूते करते हुए मिसाल कायम कर दिया. यह कारनामा प्रखंड के बैरिया गांव के ग्रामीणों ने कर दिखाया है. वे अपने गांव से त्रिवेणी कैनाल तक करीब डेढ़ किमी सड़क […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 23, 2017 4:19 AM

मैनाटांड़ : किसी ने नहीं सुनी फरियाद तो एकजुट हुए सैकड़ों ग्रामीणों ने खुद भर भरोसा किया और डेढ़ किमी सड़क का निर्माण श्रमदान के बलबूते करते हुए मिसाल कायम कर दिया. यह कारनामा प्रखंड के बैरिया गांव के ग्रामीणों ने कर दिखाया है.

वे अपने गांव से त्रिवेणी कैनाल तक करीब डेढ़ किमी सड़क निर्माण करने में सफल हो गये. इस सड़क के बन जाने से प्रखंड मुख्यालय की दूरी उनके गांव से आठ किमी से घटकर अब महज दो किमी रह गयी है. उनका आरोप है कि इस दिशा में वे लंबे समय से सूबे के गन्ना विकास मंत्री सह क्षेत्रीय विधायक खुर्शेद आलम व अन्य जनप्रतिनिधियों के यहां दौड़‍ लगाकर थक गये. इनका आश्वासन आज तक धरातल पर नहीं उतर सका. ग्रामीण राजदेव पटेल, राजेश यादव, भागवत साह,
सुरेश यादव, बाबूलाल पटेल, अनिरूद्ध पासवान, उमेश यादव,चंद्रिका सिंह आदि ने बताया कि गांव से प्रखंड मुख्यालय की दूरी आठ किमी है. लेकिन इस सड़क निर्माण हो जाने से प्रखंड से यह दूरी घटकर दो किमी हो गयी है. इन ग्रामीणों ने कहा है कि वे जनप्रतिनिधियों पर विश्वास कर चुनाव में उन्हें सदैव मदद करते आये हैं लेकिन यह सड़क निर्माण केवल चुनावी घोषणा ही साबित होता आया है.
प्रखंड की दूरी आठ से घटी अब हुई दो किमी
ग्रामीणों की श्रमदान से बनायी गयी सड़क सीधे प्रखंड मुख्यालय से जोड़ेगी. पहले प्रखंड मुख्यालय जाने के लिए सकरौल, दिउलिया, रमपुरवा आदि गांव होते हुए आठ किमी की दूरी तय करनी पड़ती थी. लेकिन इस सड़क निर्माण हो जाने से प्रखंड की दूरी सिमटकर महज दो किमी रह गयी है.
एक पुल की है दरकार
जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए आग्रह किया है कि यहां त्रिवेणी कैनाल के पास एक छोटा-सा पुल का निर्माण जरूरी है. यदि यहां पर एक पुल का निर्माण कर दिया जाता तो चारपहिया वाहन भी गांव में आसानी से चला जाता. साथ ही उनके श्रमदान का सुफल उन्हें मिल जाता. ग्रामीणों ने जिला पदाधिकारी से त्रिवेणी कैनाल के पास एक पुल निर्माण की मांग की है.
प्रदेश के गन्ना विकास मंत्री व जनप्रतिनिधियों का आश्वासन
नहीं आया काम
एकजुट ग्रामीणों ने खुद पर
भरोसा कर बनायी सड़क
किसी ने नहीं सुनी आवाज
तो कायम की मिसाल

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