बेतियाः नमक सत्याग्रह शताब्दी वर्ष के अवसर पर आगामी 20 अप्रैल को गांधी की कर्मभूमि पर नमक सत्याग्रह दिवस मनाया जायेगा. कार्यक्रम की जानकारी देते हुए संस्थापक सह अध्यक्ष नोनिया कल्याण महासमिति बिहारी लाल प्रसाद उर्फ लाल दारोगा महतो ने कहा कि ब्रिटिश सरकार द्वारा नमक उत्पादन करने वाले नोनिया समाज पर काफी जुल्म किये गये.
तब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने नमक सत्याग्रह आंदोलन चलाया था. आज आजादी के करीब सात दशक के बाद भी भारतीय नोनिया समाज समाज के हाशिया पर खड़ा है. आर्थिक, सामाजिक, शिक्षा व राजनीतिक रूप से पिछड़े इस समाज को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए आजतक कोई ठोस पहल नहीं की जा सकी. नोनिया जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने का प्रस्ताव 1997 में तत्कालीन राज्य सरकार ने केंद्र को भेजा था.
लेकिन सामाजिक न्याय की बात कहने वाली केंद्र सरकारों की ओर से आजतक इस पर सहमति नहीं दी जा सकी और नमक आंदोलन से लेकर आजादी के जंग में अपना सब कुछ न्योछावर करने वाली नोनिया जाति आज भी सामाजिक दृष्टि में काफी पिछड़ी है.