हल्दिया-पांसकुड़ा में पुनर्मतदान की मांग
हल्दिया : पूर्व मेदिनीपुर में पांसकुड़ा और हल्दिया नगर निकाय का चुनाव कमोबेश शांतिपूर्ण ही रहा. बगैर किसी बड़ी घटना के दिन भर मतदान हुआ. हालांकि दोनों नगर निकायों के वार्ड में भाजपा के एजेंट भले ही नजर आये, लेकिन वाममोरचा या कांग्रेस के एजेंट नदारद रहे. सत्ताधारी दल पर विपक्ष ने हिंसा फैलाने का […]
हल्दिया : पूर्व मेदिनीपुर में पांसकुड़ा और हल्दिया नगर निकाय का चुनाव कमोबेश शांतिपूर्ण ही रहा. बगैर किसी बड़ी घटना के दिन भर मतदान हुआ. हालांकि दोनों नगर निकायों के वार्ड में भाजपा के एजेंट भले ही नजर आये, लेकिन वाममोरचा या कांग्रेस के एजेंट नदारद रहे.
सत्ताधारी दल पर विपक्ष ने हिंसा फैलाने का आरोप लगाया है. हालांकि तृणमूल ने आरोपों को खारिज किया है. पूर्व मेदिनीपुर जिले की डीएम रश्मि कमल ने बताया कि किसी अप्रिय घटना के बगैर ही दोनों नगर निकायों का चुनाव शांतिपूर्ण रहा. विपक्ष ने जो आरोप लगाये हैं, उनका कोई प्रमाण नहीं मिला है.
हल्दिया नगर निगम के 29 वार्डों के लिए 151 बूथों में मतदन हुआ. वहीं, पांसकुड़ा नगरपालिका के 16 वार्डों के लिए 42 बूथों पर मतदान हुआ. मतदान के दौरान सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये थे. इसके तहत हर बूथ में एक पुलिस अधिकारी, पुलिस के चार सशस्त्र जवान व एक लाठीधारी कांस्टेबल मौजूद था. सुबह सात बजे से मतदान शुरू हुआ. माकपा के जिला सचिव निरंजन सिही ने कहा कि चुनाव के नाम पर ठगी हुई. दोनों नगर निकायों में तृणमूल ने हिंसा फैलायी. श्री सिही ने दावा किया कि सभी बूथों पर एजेंट देने पर भी उन्हें बूथों पर बैठने नहीं दिया गया.
उम्मीदवारों का अपहरण किया गया. भाजपा के जिलाध्यक्ष मलय सिन्हा व कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अनवर अली ने भी तृणमूल पर हिंसा फैलाने का आरोप लगाया. वाममोर्चा, कांग्रेस व भाजपा ने हल्दिया एसडीओ कार्यालय के सामने चुनाव खारिज करने की मांग पर विरोध प्रदर्शन भी किया. वहीं, तृणमूल नेता व राज्य के परिवहन मंत्री शुभेंदू अधिकारी ने आरोपों को खारिज किया. उनका कहना था कि विरोधियों का आरोप निराधार है.
सब अलिखित आरोप हैं. पुलिस को भी इन आरोपों के संबंध में नहीं पता. विपक्ष को समझ में आ गया है कि चुनाव में उनकी हार हो रही है, इसलिए अपहरण जैसी कहानियां वह सुना रहे हैं. चुनाव शांतिपूर्ण हुआ है. 17 अगस्त को चुनाव के नतीजे घोषित होंगे.
भाजपा ने चुनाव आयोग से की शिकायत: कोलकाता. पश्चिम बंगाल में रविवार को हुए सात नगर निकाय के चुनावों में हिंसा होने की शिकायत लेकर भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचा. प्रतिनिधिमंडल में भाजपा के वरिष्ठ नेता सुभाष सरकार, शिशिर बाजोरिया,अली हुसैन खान और संजय सिंह शामिल थे.
चुनाव आयोग ने इन लोगों को पांच बजे मिलने को कहा था, लेकिन जोर देने पर दोपहर में मिलने का वक्त दिया. जहां भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने उनसे शिकायत की और कहा कि बार-बार मांग करने के बावजूद केंद्रीय बल नहीं आने की वजह से तृणमूल कांग्रेस को वोट लूटने में काफी आसानी हुई.