जिले में 3.5 लाख हेक्टेयर में लगी फसल बाढ़ के पानी से प्रभावित, किसान परेशान

4.75 करोड़ की कृषि फसल क्षति का लगाया गया अनुमान बेतिया : बाढ़ रूपी आयी त्रासदी से यूं तो गांव-गांव मुहाल हो चुका है. रहने का आशियाना छिन गया है, तो दो जून की रोटी भी मदद पर टिकी है. बाढ़ में चौतरफा प्रहार किया है. हालांकि सबसे अधिक मार उन किसानों पर पड़ी है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 22, 2017 5:05 AM

4.75 करोड़ की कृषि फसल क्षति का लगाया गया अनुमान

बेतिया : बाढ़ रूपी आयी त्रासदी से यूं तो गांव-गांव मुहाल हो चुका है. रहने का आशियाना छिन गया है, तो दो जून की रोटी भी मदद पर टिकी है. बाढ़ में चौतरफा प्रहार किया है. हालांकि सबसे अधिक मार उन किसानों पर पड़ी है. जिन्होंने साल भर की अपनी मेहनत एवं पूंजी लगाकर फसलें तैयार की थी. लेकिन बाढ़ ने एक झटके में उनकी साल भर की मेहनत को धो डाला है. ऐसे किसानों का आंकड़ा सौ, दो सौ,पांच सौ, हजार नहीं, बल्कि तकरीबन डेढ़ लाख से अधिक है. जिनकी खेत की फसलें बाढ़ रूपी दानव के मुंह में समा चुके हैं.
अब सामने बिटिया की शादी है, बेटे-बेटियों की पढ़ाई है, बूढ़ी मां की दवाई है व पत्नी के रसोइ का दाल-भात है. जिसे जुटाने की चिंता में किसानों के दिन की चैन व रात की नींदे गायब हो चुकी है. प्रशासनिक आंकड़ों पर गौर करे तो इस साल जिले में तकरीबन 3.5 लाख हेक्टेयर खेतों में खरीफ की फसले मसलन धान, गन्ना, मकई आदि लगायी गयी थी.
पूरे तामझाम के साथ किसानों ने बीज, खाद, सिंचाई करके फसलों को उगाया था. फसले अब खेतों में लहलहा रही थी,तो किसानों के अरमान भी जग गये थे. किसी ने बिटिया की शादी,तो किसी ने घर बनाने का सपना पाल रखा था, जो अब टूट चुका है. कृषि कार्यालय के अनुसार, जिले के 3.5 लाख कृषि योग्य भूमि बाढ़ से प्रभावित हुई है. हालांकि यह अनुमान है. आकलन बाद क्षति की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी. जिला कृषि पदाधिकारी शीलाजीत सिंह ने बताया कि फसल क्षति की सर्वे कराने की तैयारी की जा रही है. सर्वे रिपोर्ट मुआवजे के लिए सरकार को मुहैया करा दी जायेगी.

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