लकवाग्रस्त होने के बावजूद मां दुर्गा के प्रति रामाकांत की है अटूट आस्था

वाल्मीकिनगरः थाना क्षेत्र के संतपुर सोहरिया पंचायत के कनघुसरी गांव निवासी 62 वर्षीय रामाकांत केवट पिछले 10 वर्षो से दोनों पांव से लकवा ग्रस्त हैं. लेकिन मां दुर्गा के प्रति उनकी आस्था को देख लोग हैरत में हैं. लगवा ग्रस्त होने से पूर्व भी वे पिछले 14 वर्षो से चैत नवमी एवं दशहरा पर्व के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 6, 2014 6:10 AM

वाल्मीकिनगरः थाना क्षेत्र के संतपुर सोहरिया पंचायत के कनघुसरी गांव निवासी 62 वर्षीय रामाकांत केवट पिछले 10 वर्षो से दोनों पांव से लकवा ग्रस्त हैं.

लेकिन मां दुर्गा के प्रति उनकी आस्था को देख लोग हैरत में हैं. लगवा ग्रस्त होने से पूर्व भी वे पिछले 14 वर्षो से चैत नवमी एवं दशहरा पर्व के नौ दिन मां दुर्गा की उपासना निजर्ला व्रत रख करते हैं. इन नौ दिनों में वे अन्न, फल, जल कुछ भी ग्रहण नहीं करते हैं. उनका शरीर निर्बल प्रतीत होता है, किंतु उनकी वाणी में ओज है. जिसे वे मां की शक्ति व आशीर्वाद बताते हैं.

उन्होंने बताया कि पत्नी सजकली देवी ही मजदूरी करके घर का खर्च चलाती है. नौ दिनों का व्रत कैसे बीत जाता है, पता हीं नहीं चलता. चाय से व्रत को तोड़ते हैं. रामाकांत मूल रुप से बगहा दो प्रखंड के नरईपुर के निवासी हैं. विकलांग होने के पूर्व पेशे से ड्राइवर थे. उन्हें देखने के लिए सुबह से शाम तक श्रद्धालुओं का तांता लग रहा है. दरुआबारी, संतपुर, कनधुसरी, लक्ष्मीपुर, सोहरिया आदि गांवों के लोग प्रतिदिन उनको देखने आ रहे हैं. रामाकांत को एक पुत्र और पांच पुत्रियां हैं.

Next Article

Exit mobile version