इंजीनियरों को ग्रामीणों ने खदेड़ा

गौनाहा : बाढ़ में ध्वस्त हुए दोन कैनाल के बांध को बनवाने का आदेश जारी हो गया है. लेकिन गुरुवार को इसके मद्देनजर जैसे ही बांध निर्माण के लिए अभियंताओं की टीम ठेकेदार समेत कार्यस्थल पर पहुंचे. समीपवर्ती गांवों के सैकड़ों ग्रामीण जुट गए और अभियंताओं व ठीकेदारों की टीम को खदेड़ दिया. इन लोगों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 15, 2017 4:14 AM

गौनाहा : बाढ़ में ध्वस्त हुए दोन कैनाल के बांध को बनवाने का आदेश जारी हो गया है. लेकिन गुरुवार को इसके मद्देनजर जैसे ही बांध निर्माण के लिए अभियंताओं की टीम ठेकेदार समेत कार्यस्थल पर पहुंचे. समीपवर्ती गांवों के सैकड़ों ग्रामीण जुट गए और अभियंताओं व ठीकेदारों की टीम को खदेड़ दिया. इन लोगों ने इससे सात गांवों पर खतरा बताते हुए बांध निर्माण कार्य को रोक दिया. वे पुल के बगल में साइफन निर्माण की मांग पर डटे हुए थे.

ग्रामीणों का कहना था कि 28 नंबर पुल हड़बोड़ा नदी की पानी निकासी के लिए बना है. लेकिन इसके ध्वस्त हो जाने से अधिक पानी की निकासी संभव नहीं हो पा रहा है और इससे हड़बोड़ा नदी की पानी से पास के सात गांवों पर खतरा मंडरा रहा है.
ग्रामीणों की मानें तो यदि यहां साइफन बन जाता तो पानी की निकासी अधिक मात्रा में होने लगेगा और इससे गांवों के जलमग्न होने का खतरा टल जायेगा. ग्रामीणों का कहना था कि जब तक पुल के बगल में साइफन नहीं बनेगा. ग्रामीण अपनी जान दे देंगे. लेकिन बांध नहीं बनने देंगे. इस बांध निर्माण की जानकारी होते ही हरपुर, तारा बसवरिया, पिपरिया, घोठा टोला, सेमरी डूमरी, हरपुर टोला, टिकुल टोला के सैकड़ों ग्रामीण एकत्र हो गये और बांध निर्माण कार्य को रोक दिया. इधर मेहनौल चौक से लेकर पीपरा गांव तक 20 जगहों पर दोन कैनाल का बांध टूटे हुए हैं. इसके निर्माण का आदेश जारी होते ही ठीकेदारों की चहलकदमी बढ़ गयी है.
दर्जनों ठीकेदार बांध निर्माण कराने के लिए अलग ही आपस में मारामारी कर रहे हैं.

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