डीटीओ की कार्यशैली पर भड़के जिलाधिकारी, लगायी फटकार

परिवहन . राजस्व वसूली में आयी कमी, मांगा स्पष्टीकरण बेतिया : जिला परिवहन पदाधिकारी के कार्यशैली को लेकर जिलाधिकारी डा़ॅ निलेश रामचन्द्र देवरे ने नाराजगी जतायी है.डीएम ने डीटीओ दिलीप कुमार अग्रवाल को जमकर फटकार लगाया व कार्यशैली में सुधार करने का सख्त निर्देश दिया. इसके साथ ही लगातार परिवहन विभाग के राजस्व में वसूली […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 27, 2017 5:02 AM

परिवहन . राजस्व वसूली में आयी कमी, मांगा स्पष्टीकरण

बेतिया : जिला परिवहन पदाधिकारी के कार्यशैली को लेकर जिलाधिकारी डा़ॅ निलेश रामचन्द्र देवरे ने नाराजगी जतायी है.डीएम ने डीटीओ दिलीप कुमार अग्रवाल को जमकर फटकार लगाया व कार्यशैली में सुधार करने का सख्त निर्देश दिया. इसके साथ ही लगातार परिवहन विभाग के राजस्व में वसूली में कमी आने पर डीटीओ से डीएम ने स्पष्टीकरण की मांग की है. स्पष्टीकरण संतोषजन नहीं होने पर डीटीओ पर विभागीय कार्रवाई की तालवार लट सकती है.
जिला परिवहन विभाग के राजस्व वसूली की समीक्षा में डीएम डा़ देवरे ने की थी. समीक्षा में यह बात सामाने आयी कि चालू वितीय वर्ष में प्रत्येक माह राजस्व वसूली में भारी कमी पायी गयी. जबकि विगत वर्षों में इसी माह में ज्यादा राजस्व की वसूली हुयी थी. राजस्व वसूली में भारी पैमाने पर कमी आने का जिम्मेवार डीटीओ को मना गया.राजस्व वसूली में कमी को लेकर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है. यहां आंकड़ों पर गौर किया जाय,तो दिलीप कुमार अग्रवाल के डीटीओ बनने से राजस्व में काफी कमी आयी है.
आंकाड़ों के अनुसार मार्च 2017 में जहां जिला परिवहन कार्यालय ने 3 करोड़ 16 लाख की वसूली की थी. अप्रैल 17 में यह घटकर 3 करोड़ 5 लाख हो गया. जबकि मई में 2 करोड़ 35लाख , जून में 1 करोड़ 96 लाख हुआ. जुलाई में 1करोड़ 76 लाख आया. अगस्त 2017 में यह आंकड़ा और नीचे आकर 1 करोड़ 17 लाख पर अटक गया है. सितम्बर माह की भी वसूली कोई खास नहीं है. जिलाधिकारी ने इसके लिए जिला परिवहन पदाधिकारी को पूरी तरह से जिम्मेवार मानते हुए उनसे स्पष्टीकरण की मांग की है.
दो जिलों के प्रभार में हैं डीटीओ, आने-जाने में बीत जाता है समय
डीटीओ दिलीप कुमार अग्रवाल पूर्वी चंपारण जिले में पदास्थापित हैं, लेकिन उनको बेतिया जिला का भी अतिरिक्त प्रभार मिला हुआ है. दो जिलों के प्रभार में रहने के कारण वे एक जिला से दूसरे जिला में आने जाने में ही रह जाते हैं. इसी स्थिति में बेतिया में कम देते हैं. ऐसी परिस्थिति में राजस्व में कमी तो आ ही रही है. इसके अलावे उनका कार्यालय भी कभी समय से नहीं खुलता है. दोनों जिलों के प्रभार के चक्कर में राजस्व की वसूली की कमी से उनकी आखिरकार स्पष्टीकरण का कारण बन गया.

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