रफ्तार पर लगी ब्रेक, और बढ़ी ट्रेनों की लेटलतीफी

बेतिया : शहर के कमलनाथ नगर की रहने वाली चांदनी अग्रवाल की भांजी की शादी शुक्रवार को थी. समारोह दिल्ली में था. चांदनी का पूरे परिवार ने शादी की तैयारियां कर रखी थी. मसलन नये कपड़े ले लिये थे. भांजी को इमली घोटाने के संस्कार के लिए भी कपड़े व अन्य सामान भी खरीद कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 19, 2017 5:46 AM

बेतिया : शहर के कमलनाथ नगर की रहने वाली चांदनी अग्रवाल की भांजी की शादी शुक्रवार को थी. समारोह दिल्ली में था. चांदनी का पूरे परिवार ने शादी की तैयारियां कर रखी थी. मसलन नये कपड़े ले लिये थे.

भांजी को इमली घोटाने के संस्कार के लिए भी कपड़े व अन्य सामान भी खरीद कर रख लिये थे. पूरा परिवार शादी के लिए उत्साहित था. पूरा परिवार बेतिया से स्पेशल ट्रेन पर सवार हुआ, लेकिन दिल्ली जब तक पहुंचे तब तक शादी बीत चुकी थी. इनकी सभी तैयारी धरी की धरी रह गई. यह समस्या अकेली चांदनी अग्रवाल की नहीं है, बल्कि हर रोज हजारों रेल यात्री ऐसी समस्याओं से जूझ रहे हैं. किसी की परीक्षाएं छूट जा रही हैं तो कोई समय से मीटिंग नहीं अटेंड कर पा रहा है. यह समस्या ट्रेनों की देरी से हो रही है.
अब इसे कोहरे का असर कहे या फिर अधिकारियों की सुस्ती. ट्रेनों की लेटलतीफी और ज्यादा बढ़ने लगी है. पहले जहां सुपरफास्ट, एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनें घंटे भर देरी से चल रही थी. वहीं मौजूदा समय में यह ट्रेनें 10 से 12 घंटे की देरी से चल रही हैं. नतीजा ट्रेनों की यात्रा बोझिल लगने लगी है. ट्रेनों की लेटलतीफी पर कवि सुरेश गुप्त फेसबुक पर लिखते हैं कि ट्रेनों के परिचालन से अच्छा है, इसे बंद ही कर देना चाहिए. वहीं निजी कंपनी में कार्यरत सुनील मिश्रा कहते हैं कि इसपर जनप्रतिनिधियों को ध्यान देने की जरूरत हैं.

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