बेतियाः जिला जज प्रेमचंद्र गुप्ता ने मंगलवार को छावनी स्थित बाल पर्यवेक्षण गृह का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उनके साथ किशोर न्याय परिषद के प्रधान सदस्य राजेंद्र कुमार पांडेय, सदस्य राजेश रंजन एवं प्रियंका गुप्ता उपस्थित थीं. इस दौरान जिला जज ने पर्यवेक्षण गृह की स्थिति को देख कर नाराजगी व्यक्त की. पर्यवेक्षण गृह काफी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है. उसमें बच्चों की संख्या 67 है, जबकि पर्यवेक्षण गृह में मात्र दो ही शौचालय है.
जिला जज ने पर्यवेक्षण गृह के सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि पर्यवेक्षण गृह की सुरक्षा की व्यवस्था के लिए प्रशासन एवं सरकार को पूर्व में कई लिखा जा चुका है फिर भी मुक्कमल सुरक्षा व्यवस्था आज तक उपलब्ध नहीं करायी गयी. वर्तमान में पर्यवेक्षण गृह के सुरक्षा की जिम्मेवारी होम गार्ड के जवानों के जिम्मे हैं जो पर्याप्त नहीं है. पर्याप्त सुरक्षा के अभाव में बाल बंदियों का पर्यवेक्षण गृह से बराबर पलायन होता रहता है. जो एक गंभीर विषय है. इस दौरान जिला जज पर्यवेक्षण गृह के विभिन्न पंजियों का अवलोकन किया.
अवलोकन के दौरान उन्होंने पाया कि नामांकन पंजी में किसी भी अधिकारी का हस्ताक्षर नहीं है. इस संबंध में उन्होंने आवश्यक निर्देश दिये. वहीं पर्यवेक्षण गृह में चिकित्सक की नियुक्ति नहीं होने के कारण बाल बंदियों को चिकित्सा के लिए सदर अस्पताल ले जाना पड़ता है. इससे पलायन की संभावना बढ़ जाती है. उन्होंने डॉक्टर की नियुक्ति के लिए सिविल सजर्न से बात करने को कही. निरीक्षण के पश्चात जिला जज ने अविलंब पर्यवेक्षण गृह में बिजली, शुद्ध पेयजल, साफ-सफाई आदि की व्यवस्था उपलब्ध कराने का निर्देश पदाधिकारियों को दिया.