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गांव में टूटी हैं सड़कें, नाली तक नहीं

महुई पंचायत के बलुआ बड़ेया गांव में सड़कें टूटी-फूटी हैं. इस कारण महिला, पुरुष व जनता को सड़क से गुजरने में काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. नाली के अभाव के कारण जलजमाव की समस्याएं हैं. गौनाहा : प्रखंड मुख्यालय से 20 किलोमीटर की दूरी पर महुई पंचायत के बलुआ बड़ेया गांव हैं. इस गांव में […]

महुई पंचायत के बलुआ बड़ेया गांव में सड़कें टूटी-फूटी हैं. इस कारण महिला, पुरुष व जनता को सड़क से गुजरने में काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. नाली के अभाव के कारण जलजमाव की समस्याएं हैं.

गौनाहा : प्रखंड मुख्यालय से 20 किलोमीटर की दूरी पर महुई पंचायत के बलुआ बड़ेया गांव हैं. इस गांव में समस्याओं का अंबार हैं. यह गांव जंगल के किनारे बसा है. यहां तक पहुंचने के लिए सड़कें तो हैं, लेकिन टूटी-फूटी हैं. यहां स्वास्थ्य शिक्षा का उत्तम व्यवस्था नहीं है.
इलाज को गौनाहा पहुंचने में घंटाभर लगता है.
सड़कों के किनारे नाली नहीं होने के कारण जलजमाव की समस्या है. गांव में सड़कें हैं, पर उनपर अतिक्रमण हुआ है. रविवार को गांव में आयोजित प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों ने ऐसी कई समस्याओं से रुबरु कराया. इस दौरान बोलने का मौका मिला तो सभी ने गांव की कई समस्याओं को रखा. सभी ने प्रशासन से समस्याओं के निजात दिलाने की मांग की. क्रमवार एक-एक कर ग्रामीणों ने गांव के समस्याओं के बारे में बताया. इसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, आंगनबाड़ी बिजली नाली सिंचाई से जुड़ी समस्याएं तो है ही इसके अलावा राशन कार्ड व सैकड़ों वृद्धापेंशनधारी की पेंशन की समस्या के अलावा जंगली जानवरों से हो रहे नुकसान को ग्रामीणों ने बताया. ग्रामीणों ने अनेक समस्याओं के बारे में बताया. इसमें बिजली, सड़क, नाली, पानी से जुड़ी समस्या तो थी ही, इसके अलावा राशन कार्ड की समस्याओं को भी ग्रामीणों ने जोर देते हुए रखा. कहा कि राशन के अभाव में ग्रामीण ठोकरें खा रहे हैं.
गांव एक नजर में
जनसंख्या-12 हजार
मतदाता- सात हजार
वार्ड-14
प्राथमिक विद्यालय-सात
मध्य विद्यालय – दो
उच्च विद्यालय – एक
आंगनबाड़ी – 11
आंगनवाड़ी भवन -सात
सामुदायिक भवन -दो
सरकारी नलकूप- चार, सभी बंद
स्वास्थ्य केंद्र -दो , अपना भवन नहीं, बंद
पंचायत भवन -एक
पैक्स गोदाम – नहीं
खादी भंडार – नहीं
गांव में इन सुविधाओं की है जरूरत
सड़क किनारे पक्की नालियों की
मुख्य मार्ग को दुरुस्त करने की जरूरत है,
हर घर शौचालय निर्माण
बिजली व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त हो
पैक्स गोदाम
स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण हो
उच्च विद्यालय की व्यवस्था हो
सफाईकर्मी की व्यवस्था हो
सरकार की योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचे
राशन वितरण प्रणाली में सुधार
जलजमाव की समाधान
पुस्तकालय का निर्माण
हमारे यहां गरीब, असहाय, जरूरतमंद लोग सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं. राशन वितरण का लाभ गरीब, जरूरतमंदों को नहीं मिलता है. आज स्थिति ऐसी है पीला कार्ड धारकों का कार्ड खत्म कर दिया गया है, इससे मिट्टी तेल, अनाज के मोहताज हो गए है. बीपीएल कार्ड वालों का नाम राशन कार्ड से हट चुका है, जो कहीं से भी ठीक नहीं है. धर्मेंद्र चौधरी
गरीब राशन के अभाव में यहां-वहां भटक रहे हैं. आंगनबाड़ी सेंटर अक्सर बंद रहता है. बच्चों को उत्तम शिक्षा के लिए हाइस्कूल या कॉलेज की व्यवस्था नहीं है. प्राइमरी स्कूलों में पठन-पाठन की अच्छी व्यवस्था नहीं है. विजेंदर कुमार
गांव में अस्सी प्रतिशत किसान व मजदूर हैं, जो पूर्ण रूप से खेती पर आश्रित हैं. लेकिन सरकार के तरफ से कोई सिंचाई की व्यवस्था नहीं हैं. प्रमोद साह
यहां अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र की सुविधाएं पर्याप्त नहीं है, जो यहां के लोगों के लिए सबसे बड़ी समस्या है. गांव में विद्यालय तो है. लेकिन समय से नहीं खुलते हैं. सरकार इस पर ध्यान दें तो इन समस्याओं से निजात पायी जा सकती है. प्रभात खबर की पहल बेहद अच्छी है. ऐसे आयोजन होते रहे तो समस्याओं से निजात मिल सकती है. कृष्णा यादव
हमारे गांव में अधिकांश घरों में शौचालय नहीं बना है. इसके चलते लोगों को सड़कों के किनारे खुले में शौच करना पड़ता है. लक्ष्मी देवी
यहां जंगली जानवरों से बहुत नुकसान है. फसल के साथ ही जान-माल का खतरा हमेशा बना रहता है. बृजेश महतो, ग्रामीण
हमारे गांव में सैकड़ों लोग वृद्धापेंशन से वंचित हैं. पहले मिलता था, लेकिन नौ माह से पेंशन नहीं मिल रहा है. अधिकारी केवल आश्वासन देते हैं. नौरंग महतो
हमारे यहां गरीब, असहाय, जरूरतमंद लोग सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं. यहां तो एपीएल दूर बीपीएल वाले भी इंदिरा आवास से वंचित हैं. छबीलाल महतो
यहां कहने के लिए प्राइमरी, मिडिल व हाइस्कूल तो है, पर शिक्षा का स्तर बद से बदतर है. इससे बच्चों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है. दिनेश
हमारे गांव में 80 फीसदी किसान व मजदूर ही बसते हैं. जो पूर्ण रूप से कृषि पर आश्रित हैं. लेकिन सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं है. चार सरकारी नलकूप भी है तो बंद पड़ा है. ओजेंद्र महतो
हमारे यहां बिजली की समस्याएं मुख्यमंत्री के सात निश्चय में से एक है. लेकिन हमेशा यहां बिजली कही समस्याएं बनी रहती है.
शैलेश महतो
पंचायत के विकास की मांग को भेजा पत्र : मुखिया
पंचायत के विकास एवं यहां के समस्याओं के समाधान के लिए कई बार प्रशासनिक पदाधिकारियों को पत्र लिखा गया है. लेकिन अभी तक समाधान नहीं हो सका है. खासकर सड़क और नाली के बारे में कई बार आग्रह किया गया है.
जितेंद्र चौधरी, मुखिया ग्राम पंचायत राज महुई

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