सर्वेक्षण टीम की हर उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास करता दिखा नप
स्वच्छता सर्वेक्षण की परीक्षा में नगर परिषद सोमवार को शामिल हो गया. यह परीक्षा देश भर के करीब 500 और बिहार के 27 शहरों के बीच हो रही है. इसमें बेतिया अपनी रैंकिंग बेहतर बनाने की कोशिश में जुटा है. इसको लेकर बीते कई दिनों से शहर में युद्धस्तर पर साफ-सफाई हो रही है. बेतिया […]
स्वच्छता सर्वेक्षण की परीक्षा में नगर परिषद सोमवार को शामिल हो गया. यह परीक्षा देश भर के करीब 500 और बिहार के 27 शहरों के बीच हो रही है. इसमें बेतिया अपनी रैंकिंग बेहतर बनाने की कोशिश में जुटा है. इसको लेकर बीते कई दिनों से शहर में युद्धस्तर पर साफ-सफाई हो रही है.
बेतिया : शहर में साफ-सफाई व अन्य कार्यों का जायजा लेने पहुंचे स्वच्छता सर्वेक्षण के अधिकारी की हर उम्मीदों पर खरा उतरने को लेकर नगर परिषद प्रशासन अपनी तरफ से पूरा प्रयास में लगा दिखा. कार्यालय से लेकर फील्ड में पदाधिकारी से लेकर कर्मचारी पूरी तरह से तत्पर दिखे. इस दौरान अधिकारी की मांग पर नप ने वह हम अभिलेख प्रस्तुत किया, जिससे शहर को स्वच्छ शहरों की सूची में टॉप पर लाया जा सके. सर्वेक्षण अधिकारी सभी अभिलेखों को बारीकी से परखते रहे और अपनी डायरी में नोट भी करते दिखे.
सोमवार को सर्वेक्षण को लेकर केंद्रीय टीम के मूल्यांकन पदाधिकारी अभिषेक कुमार बेतिया पहुंचे, जो दो दिन तक शहर में रहेंगे. बेतिया आने के बाद मूल्यांकन पदाधिकारी सीधे नगर परिषद कार्यालय पहुंचे. कार्यालय में पहुंचने के बाद उन्होंने सर्वेक्षण के मानक के आधार पर कागजी प्रमाणों की जांच शुरू कर दी. पहले दिन उन्होंने शहर के सार्वजनिक स्थलों पर हो रही साफ-सफाई की व्यवस्था की जानकारी मांगी. साफ-सफाई व्यवस्था में वाहनों में प्रयोग होने वाले पेट्रोलियम संबंधित लॉग बुक को बड़ी बारीकी से जांच की. इसके अलावे शहर में सुबह-शाम होने वाले साफ-सफाई व्यवस्था की एरियावार कागजतों को देखा. स्वच्छता को लेकर लगाये गये कर्मचारियों की संख्या व उनकी हाजिरी की भी जांच किया. हालांकि मूल्यांकन अधिकारी अभिषेक कुमार ने सर्वेक्षण को लेकर किसी तरह की जानकारी देने से इंकार कर दिया. उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण रिपोर्ट केंद्र को सौंपी जायेगी. मौके पर सर्वेक्षण टीम के साथ सिटी मैनेजर मोजिबुल हसन, मिशन मैनेजर मणिशंकर, सहायक युवराज बहादुर सिंह, संजीव कुमार, साहेब अली आदि मौजूद रहे.
कार्यालय की जगह फील्ड में रहे पदाधिकारी व कर्मचारी : स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर आने के बाद नगर परिषद के पदाधिकारी से कर्मचारी फील्ड में ही रहे. जहां इओ डॉ विपिन कुमार की अनुपस्थिति में मूल्यांकन टीम के पदाधिकारी से कागजातों की जांच कराने का नेतृत्व सिटी मैनेजर कर रहे थे.
वहीं कार्यालय के अधिकांश कर्मचारियों के कार्यालय की जगह फील्ड में रहने की बात बतायी गयी. जबकि सर्वेक्षण टीम के मूल्यांकन पदाधिकारी को कागजी प्रमाणों का ही जांच करना है. ऐसी स्थिति में कर्मचारियों के फील्ड में रहने की बात कुछ अलग बयां कर रहा है.
4000 अंकों की हो रही है प्रतियोगिता
स्वच्छ शहरों में शामिल होने के लिए नगर परिषद को 4000 अंकों की परीक्षा देनी पड़ रही है. सूत्रों के मुताबिक, इसमें से 1200 अंक साफ-सफाई, करीब 2000 अंक डॉक्यूमेंटेशन व बाकी पॉलीथीन, कूड़ा-कचरा प्रबंधन, शहरवासियों के फीडबैक, स्वच्छता एप के इस्तेमाल आदि पर मिलता है. पहले दिन नगर परिषद के डॉक्यूमेंटेशन की जांच हुई.
पूरी रात साफ सफाई को ले सांसद, सभापति भी रहे मौजूद : स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में शहर को बेहतर रैंक मिल सके. इसमें किसी तरह की चुक या कमी नहीं रह जाये. पूरी रात शहर में नगर परिषद की टीम सफाई व्यवस्था में जुटी रही. पश्चिम चंपारण के सांसद डाॅ संजय जायसवाल,सभापति गरिमा देवी सिकारिया, पूर्वी सभापति अनीश अख्तर, स्थायी सशक्त समिति के सदस्य संजय कुमार सिंह उर्फ छोटे सिंह सर्द रात में पूरी रात साफ-सफाई का जायजा लेते रहे. सभापति ने सफाई व्यवस्था को लेकर नप कर्मचारियों को सख्त हिदायत दिया. साथ ही सफाई के दौरान कूड़ा-कचरा सड़क पर नहीं रहे, इसको लेकर सफाई वाहन भी साथ में लेकर चलने का निर्देश दी.