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जान मारने पर उतारू लुटेरों ने एमबीबीएस छात्र को दौड़ाया, गुहार के बाद भी नहीं मिली मदद, फिर…

बेतिया : बिहार के बेतिया में बस स्टैंड से हॉस्टल जा रहे एमबीबीएस के छात्र को पहले बाइक सवार अपराधियों से असलहे के बल पर लूट लिया. फिर विरोध करने पर जान से मारने का प्रयास करने लगे. इस पर छात्र जान बचाकर भागने लगा. लोगों का दरवाजा खटखटा कर बचाने की गुहार लगायी. कइयों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2018 8:02 PM

बेतिया : बिहार के बेतिया में बस स्टैंड से हॉस्टल जा रहे एमबीबीएस के छात्र को पहले बाइक सवार अपराधियों से असलहे के बल पर लूट लिया. फिर विरोध करने पर जान से मारने का प्रयास करने लगे. इस पर छात्र जान बचाकर भागने लगा. लोगों का दरवाजा खटखटा कर बचाने की गुहार लगायी. कइयों ने दरवाजा नहीं खोला. लेकिन, इसी बीच एक महिला ने न सिर्फ दरवाजा खोल मामले की जानकारी ली, बल्कि छात्र को अपने घर में पनाह देकर उसकी जान भी बचायी. वारदात शहर के जनता सिनेमा चौक की है. पुलिस जांच में जुट गयी है.

रिक्शा पकड़ छात्रावास जा रहा था छात्र, तभी…
यह घटना सुबह पांच बजे की है. मेडिकल का छात्र पीयूष भारद्वाज (25) मंगलवार की रात पटना से बेतिया के लिए चला. बस बुधवार की सुबह में बेतिया बस स्टैंड पहुची. वहां से रिक्शा पकड़ कर वह छात्रावास जा रहा था. रिक्शा जब केन यूनियन आफिस के समीप पहुंचा तभी अपाची बाइक सवार तीन अपराधियों ने रिक्शा रुकवा दिया. छात्र के थैले व पॉकेट की तलाशी ली. इस दौरान उसके पॉकेट में रखे रुपये लूट लिया. विरोध करने पर छात्र को जान से मारने का प्रयास करने लगे. इस पर छात्र पुराना बस स्टैंड की तरफ भाग कर एक गली में घुस गया. लोगों का दरवाजा खटखटा कर मदद मांगते हुए कहने लगा कि मेरी हत्या कर देंगे, मुझे बचा लो. लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला. इसी बीच पान विक्रेता की पत्नी कमला देवी ने हिम्मत दिखाई और अपने मकान का दरवाजा खोल छात्र को अपने घर में ले गई. इसे देख अपराधी फरार हो गये.

सूचना पर पहुंचे हॉस्टल अधीक्षक, छात्र को ले गये साथ

कमल देवी की दिलेरी से सकुशल बचे छात्र पियूष ने फोन कर इसकी जानकारी हॉस्टल अधीक्षक को दी. इसके बाद मेडिकल कॉलेज के छात्र व हॉस्टल सुपरिंटेंडेंट कार से पहुंचे. छात्र को अपने साथ ले गये. छात्रों ने कमल देवी के साहस की सराहना की. इधर, पूरे दिन शहर में कमल देवी के साहस को लेकर लोग चर्चा करते रहे.

साहस की कहानी, कमला देवी की जुबानी
हमलोग सो रहे थे. इसी बीच दरवाजा खटखटाने लगा. बाहर से आवाज आ रही थी. हमें बचा लो, हत्या हो जायेगी. घड़ी में देखा, तो सुबह के 4.50 बज रहे थे. परिवार के अन्य सदस्यों ने मना किया कि दरवाजा मत खोलो, लेकिन मैंने किसी की नहीं सुनी. दरवाजा खोल छात्र को अंदर बुला लिया और दरवाजा बंद कर लिया. डरा, सहमा छात्र बुरी तरह से कांप रहा था. उसे चाय बना कर पिलाई और एक पत्रकार को फोन कर इसके बारे में जानकारी दी. लूट की घटना दुखद है, लेकिन खुश हूं कि छात्र की जान बच गयी. (कमला देवी, साहसी महिला)

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