टैक्स वसूली सिर्फ 76 लाख
शिथिलता. जिले में 50 कारखाने, 500 अस्पताल, 1500 कोचिंग, 1000 स्कूल, हजारों कर्मचारी बेतिया : इसे जागरूकता की कमी कहे या फिर टैक्स अफसरों की शिथिलता कि जिले में पेशे पर लगने वाले कर जमा करने में व्यवसायियों की रूचि नहीं हैं. हालात यह है कि इस वित्तीय वर्ष को पूरे होने में महज 45 […]
शिथिलता. जिले में 50 कारखाने, 500 अस्पताल, 1500 कोचिंग, 1000 स्कूल, हजारों कर्मचारी
बेतिया : इसे जागरूकता की कमी कहे या फिर टैक्स अफसरों की शिथिलता कि जिले में पेशे पर लगने वाले कर जमा करने में व्यवसायियों की रूचि नहीं हैं. हालात यह है कि इस वित्तीय वर्ष को पूरे होने में महज 45 दिन और बचे हैं, लेकिन महज 76 लाख रुपये ही पेशा कर वसूले गये हैं. यह हाल तब है, जब जिले में अनुमानत: 50 कारखाने, 500 हॉस्पिटल, 1500 कोचिंग, 1000 से ज्यादा स्कूल, 150 से ज्यादा पेट्रोल पंप, 100 से ज्यादा होटल, दर्जनों मैरेज हाउस, आधा दर्जन सिनेमा व मॉल और हजारों कर्मचारी हैं, जो पेशा कर के दायरे में आते हैं. बावजूद इसके कर वसूली के आंकड़े टैक्स चोरी की पुष्टि कर रहे हैं.
जी हां! प्रोफेशनल यानि पेशा कर से जुड़े मौजूदा आंकड़ें तो कुछ यही कहानी बयां कर रहे हैं. जबकि विभाग की ओर से पेशा कर के लिए बकायदा स्लैब निर्धारित किया गया है, जो सलाना एक हजार रुपये से लेकर ज्यादा से ज्यादा 2500 रुपये तक है. यानि पेशे का वार्षिक टर्न-ओवर कितना भी हो, पर टैक्स 2500 रुपये ही अदा करना है. लेकिन आपको जानकार ताज्जुब होगा कि जिले में पेशा कर जमा करने वालों की संख्या यहां पर व्यवसाय करने वाले व्यवसायियों की संख्या के मुताबिक बेहद ही कम है
या कहे तो नहीं के बराबर है. कारण कि विभाग में जमा प्रोफेशनल टैक्स ज्यादातर सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन से ही वसूल होती है. ऐसे में प्राइवेट स्तर के कर्मचारी, फैक्ट्रियां, अस्पतालें इत्यादि इन करों का वहन ही नहीं करती है. हालांकि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि वह पेशा कर को लेकर व्यवसायियों को चिन्हित करने में जुटे हैं. संस्थानों को नोटिस देने की तैयारी की जा रही है. ताकि प्रोफेशनल टैक्स की चोरी रोकी जा सके.