बाघ के हमले में ट्रैक्टर चालक घायल, जंगल से सटे गांवों में अलर्ट जारी
बेतिया : बिहारमें बेतियाके मैनाटांड़में वीटीआर से सटे इलाकों में बाघ के हमले की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. एक सप्ताह के भीतर हमले का यह दूसरा मामला सामने आया है. चार दिन पहले नेपाल से लौट रहे दोमाठ के रामायण महतो पर बाघ ने हमला कर उसे बुरी तरह जख्मी कर दिया था. शनिवार […]
बेतिया : बिहारमें बेतियाके मैनाटांड़में वीटीआर से सटे इलाकों में बाघ के हमले की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. एक सप्ताह के भीतर हमले का यह दूसरा मामला सामने आया है. चार दिन पहले नेपाल से लौट रहे दोमाठ के रामायण महतो पर बाघ ने हमला कर उसे बुरी तरह जख्मी कर दिया था. शनिवार को बाघ ने एक ट्रैक्टर चालक को निशाना बनाया है. गंभीर हालत में पीड़ित चालक को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. बाघ के बढ़ते हमले को लेकर वन विभाग ने जंगल से सटे इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है. ग्रामीणों को सतर्कता बरतने को कहा गया है. वन विभाग की टीम बाघ के पदचिह्नों के आधार पर उसका लोकेशन तलाशने में जुटी है. यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि हमला बाघ ने किया है या तेंदुए?
बताया जाता है कि इनरवा थाने के शाहपुर परसौनी निवासी झापस अंसारी का पुत्र रेयाजुल अंसारी रांगी नदी के तट पर ट्रैक्टर चला रहा था. इसी दौरान एक बाघ ने रेयाजुल को अकेला देख उस पर वार कर दिया. अपने पंजों से बुरी तरह चालक को घायल कर दिया. चालक के चीखने चिल्लाने की आवाज सुनकर अगल-बगल के खेतों में अपने मवेशियों को चरा रहे चरवाहे लाठी-डंडा लेकर दौड़े. शोरगुल सुन बाघ जंगल की तरफ लौट गया.
इधर, चरवाहों ने घटना की सूचना रेयाजुल के परिजनों के दी. आनन-फानन में परिजन रियाजुल को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाये. डॉक्टर विजय कुमार चौधरी उसका इलाज कर रहे हैं.
मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम
ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे. स्थिति का जायजा लिया. बाघ को तलाशना शुरू कर दिया. अधिकारियों की मानें तो बाघ के पैरों के प्रिंट के आधार पर जांच पड़ताल की जा रही है. जल्द ही बाघ के लोकेशन का पता कर लिया जायेगा. वन क्षेत्र मानपुर के वन परिसर पदाधिकारी रामप्रवेश प्रसाद चौधरी ने बताया कि कंपार्ट संख्या 73 के जंगल से तेंदुआ निकला हुआ है. इसके लिए पेट्रोलिंग गश्ती दल को लगाया गया है, जो तेंदुए पर नजर बनाये हैं. गांववालों को सतर्कता बरतने काे कहा है.
साथी की सतर्कता से बची थी रामायण की जान
बीते चार दिन पूर्व 27 फरवरी को भी दोमाठ निवासी रामायण महतो को दोमाठ जंगल पार करने के दौरान बाघ ने हमला किया था. वह बुरी तरह घायल हो गया था. बाघ ने रामायण पर हमला उस दौरान किया था, जब वह नेपाल से अपने घर लौट रहा था. हालांकि एक दूसरे साथी की सतर्कता से रामायण की जान बच गयी.
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