भारत बंद की रणनीति बनाने में शामिल थे डीएसओ व ट्रेजरी अफसर!

बेतिया : एससी/एसटी एक्ट को प्रभावहीन बनाने को लेकर सोमवार को बुलाये गये भारत बंद के दौरान शहर में जो उपद्रव मचाया गया. इसको लेकर एक दिन पहले ही बैठक कर रणनीति बनाई गई थी. भले ही इस बैठक में शांतिपूर्ण आंदोलन को लेकर रणनीति बनाने के दावे किये जा रहे हैं, लेकिन पुलिसिया एफआईआर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 4, 2018 5:43 AM

बेतिया : एससी/एसटी एक्ट को प्रभावहीन बनाने को लेकर सोमवार को बुलाये गये भारत बंद के दौरान शहर में जो उपद्रव मचाया गया. इसको लेकर एक दिन पहले ही बैठक कर रणनीति बनाई गई थी. भले ही इस बैठक में शांतिपूर्ण आंदोलन को लेकर रणनीति बनाने के दावे किये जा रहे हैं, लेकिन पुलिसिया एफआईआर की माने तो बैठक के दौरान दलितों को उकसाने वाली बातें कही गई थी.

हैरत वाली बात तो यह है कि इस बैठक की वॉयरल हुए फोटो में बहुजन महासभा, संविधान बचाओ संघर्ष समिति के नेताओं के संग मंच पर जिला आपूर्ति पदाधिकारी संजय कुमार व जिला कोषागार पदाधिकारी श्यामाकांत मेहरा समेत कलेक्ट्रेट के अन्य सरकारी कर्मी व अधिकारी भी बैठे दिख रहे हैं.

सूत्रों की माने तो यह बैठक भारत बंदी की सफलता को लेकर बुलाई गई थी, लेकिन पुलिस की माने तो बैठक के दौरान तमाम उकसाने वाली बातें कही गई थी. मंच से नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर अपनी भड़ास निकाली थी. बंदी की सफलता को लेकर तमाम निर्देश मंच से दिये गये थे और हर हाल में बंदी को सफल कराने का निर्णय हुआ था. नतीजा इसके अगले ही दिन सोमवार को शहर में एक तरफ जहां कुछ संगठन शांतिर्पूण मार्च, धरना दे रही थी तो वहीं दूसरी तरफ बंद समर्थकों ने शहर में जमकर उत्पात मचाया.
दुकानों में तोड़फोड़ हुई. लूटपाट किये गये. रेलवे स्टेशन को तहस-नहस कर दिया गया. आवागमन ठप कर दी गई और लोगों को पीटा भी दिया. नगर थानाध्यक्ष नित्यानंद चौहान ने बताया कि मामले में एफआईआर किया गया है. अनुसंधान की जा रही है. बैठक में हुई बातों के बारे में पता लगाया जा रहा है.
संविधान बचाओ संघर्ष समिति की ओर से बुलायी गयी बैठक में हुए थे शामिल, चर्चा जोरों पर
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ की थी नारेबाजी, केंद्र पर लगाये थे आरोप
नहीं थी हमारी कोई सहभागिता
इस संदर्भ में जिला आपूर्ति पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि बैठक में हमारी कोई सहभागिता नहीं थी. न ही मैं ऐसे किसी निर्णय का समर्थन किया हूं. वहीं जिला कोषागार पदाधिकारी श्यामाकांत मेहरा ने कहा कि वह इस तरह की किसी बैठक में गये ही नहीं थे.
नियमानुसार की जायेगी आगे की कार्रवाई
इस तरह की बैठक और इसमें सरकारी पदाधिकारियों के शामिल होने के बारे में अभी मुझे कोई जानकारी नहीं है. यदि ऐसा है तो इस बारे में पता लगाया जायेगा. नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी.
डॉ. निलेश रामचंद्र देवरे, डीएम, पश्चिम चंपारण

Next Article

Exit mobile version