बिहार : यौन शोषण के आरोप में हुई पूर्व मुखिया की हत्या, नक्सलियों ने चिपकाया पोस्टर

बगहा/वाल्मीकिनगर: बिहार के बगहामें नक्सलियों ने चंपापुर गनौली पंचायत के पूर्व मुखिया की हत्या के बाद मकान पर पोस्टर चिपका दिया है. पोस्टर में आरोप है कि पूर्व मुखिया सह मुखिया पति मनोज सिंह रुपये का लोभ लालच देकर महिलाओं का यौन शोषण करते थे. पुलिस के साथ मिलकर आम जन को झूठे केस में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 13, 2018 9:10 PM

बगहा/वाल्मीकिनगर: बिहार के बगहामें नक्सलियों ने चंपापुर गनौली पंचायत के पूर्व मुखिया की हत्या के बाद मकान पर पोस्टर चिपका दिया है. पोस्टर में आरोप है कि पूर्व मुखिया सह मुखिया पति मनोज सिंह रुपये का लोभ लालच देकर महिलाओं का यौन शोषण करते थे. पुलिस के साथ मिलकर आम जन को झूठे केस में फंसाकर परेशान करते थे. 25-30 की संख्या में आये नक्सलियों ने रविवार की रात गोनौली पंचायत के मलकौली गांव में हमला कर मनोज सिंह की हत्या कर दी. विरोध करने पर पुत्र चंदन सिंह को एवं माता सुशीला देवी को बंदूक के कुंदे से मारकर घायल कर दिया.

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार नक्सलियों की टीम में दो महिलाएं भी थीं. हालांकि पुलिस अब तक इस मामले में किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है. बगहा एसपी अरविंद कुमार गुप्ता ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है. हत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है. एसएसबी के जवान एवं लौकरिया,नौरंगिया एवं वाल्मीकिनगर समेत तीन थानों की पुलिस मलकौली गांव में कैंप कर रही है.

15 साल बाद फिर सुनायी पड़ी नक्सलियों की धमक
15 साल बाद नक्सलियों की धमक बगहा पुलिस जिला में एक बार फिर से सुनायी पड़ी है. 2004 में 13 जुलाई को नक्सलियों ने सेमरहनी में पुलिस पिकेट को डायनामाइट से उड़ा दिया था. इस घटना में नक्सलियों ने पुलिस के 15 हथियार भी लूट लिए थे. माना जाता है कि इसी वर्ष आठ अप्रैल को नक्सलियों के जोनल कमांडर इंदिरा की गिरफ्तारी की थी. इसके बाद नक्सलियों ने इस घटना को अंजाम दिया था.

चार वर्षों तक नक्सलियों ने दी थी पुलिस को चुनौती
2000 से 2004 तक पुलिस जिला में नक्सलियों का प्रभाव रहा. नक्सलियों ने पुलिस को चार साल तक लगातर चुनौती दिया. सितंबर 2000 को नक्सलियों ने सेमरहनी में विल्लर यादव की हत्या की. बगहा पुलिस जिला में नक्सलियों की यह पहली घटना थी. इससे पूर्व यहां के लोगों ने एमसीसी का नाम नहीं सुना था. विल्लर यादव की हत्या और पर्चा छोड़ने के बाद लोग इस संगठन का नाम सुनते ही डर जाते थे.

24 जनवरी 2001 को हरनाटांड़ क्षेत्र के सुंदरपुर में बच्चा सिंह की हत्या नक्सलियों ने गोली मारकर कर दी. 16 अगस्त 2002 को 40 की संख्या में आये नक्सलियों ने दिनदहाड़े लौकरिया थाना क्षेत्र के नौतनवा पुल के समीप विजय सिंह एवं उदय सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी. इसी वर्ष 20 दिसंबर को चिउटांहा थाना क्षेत्र के रतनपुरवा के बच्चा सिंह के घर को नक्सलियों ने डायनामाइट लगाकर उड़ा दिया. 24 मई को हरनाटांड में संपन्न थारु सम्मेलन से लौट रहे सेमरहनी निवासी भरत यादव एवं भोला यादव को दोन नहर के रास्ते में ट्रैक्टर से उतार कर नक्सलियों ने निर्मम हत्या कर दी थी.14 जुलाई 2003 की रात में नक्सलियों ने खैरपोखरा एवं भैरोगंज के बीच रेल ट्रैक का उड़ा दिया था. वहीं 25 जुलाई को गोबरधना थाना के नवनिर्मित भवन को भी नक्सलियों ने उड़ा दिया था.

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