अपनी बकरी को बाघिन से छुड़ाने हसुआ लेकर भिड़ गयी महिला और फिर…
बेतिया : बिहार के बेतिया में वीटीआर के सेफ्टी जोन से निकलकर गौनाहा व नरकटियागंज के इलाकों में विचरण कर रही बाघिन के हमले में शनिवार को एक महिला गंभीर रूप से जख्मी हो गयी. मामला गौनाहा रेंज के टहकौल है. बताया जाता है कि टहकौल के हेमा दिसवा की पत्नी मेघिया देवी (50) सरेह […]
बेतिया : बिहार के बेतिया में वीटीआर के सेफ्टी जोन से निकलकर गौनाहा व नरकटियागंज के इलाकों में विचरण कर रही बाघिन के हमले में शनिवार को एक महिला गंभीर रूप से जख्मी हो गयी. मामला गौनाहा रेंज के टहकौल है. बताया जाता है कि टहकौल के हेमा दिसवा की पत्नी मेघिया देवी (50) सरेह की ओर अपना बकरी चराने गयी थी. वह गन्ने के खेत के पास बैठी थी कि इसी दौरान बाघिन ने बकरी पर हमला कर दिया. इसे देख मेघिया देवी को कुछ नहीं सूझा तो वह अपना हसुआ लेकर बाघिन से भिड़ गयी. इस पर बाघिन ने पंजे से मारकर मेघिया देवी को बुरी तरह जख्मी कर दी और बकरी को लेकर खेतों में चली गयी.
इधर, महिला के शोर की आवाज सुनकर आस-पास के खेतों में काम कर रहे लोग दौड़ते हुए वहां पहुंचे और आनन-फानन में इलाज के लिए गौनाहा पीएचसी लाया गया. यहां से चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे रामनगर अनुमंडलीय अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. जहां उसका इलाज चल रहा है. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि महिला के इलाज का खर्च विभाग उठायेगा. बता दें कि वाल्मिकी नगर टाइगर रिजर्व के मंगुराहा वन क्षेत्र से 48 दिनों से भटक कर अपने शावकों के साथ आयी दो बाघिन अभी भी गौनाहा प्रखंड के विभिन्न रिहायशी इलाकों में विचरण कर रही हैं. शनिवार को मिली जानकारी के अनुसार वन कर्मियों ने बताया कि एक बाघिन अपने तीन शावकों के साथ सिट्ठी पंचायत के मंडिया गांव के दक्षिण गन्ने के खेत में डेरा डाले हुए हैं. बाघिन के इस एरिया में छुपे होने से सिरिसिया से मंडिया होते हुए प्रखंड मुख्यालय गौनाहा जाने वाली रास्ते बिल्कुल बंद हो गयी हैं.
दहशत में ग्रामीण, खेती-किसानी हो रही चौपट
बाघिन के मंडीहा में छिपे होने से मंडीहा सहित शेरपुर, पहकौल बंगाली कॉलोनी, बखरी, विजयपुर, पचकहर, सिरिसिया, टहकौल एवं गम्हरिया गांव के लोग दहशत में है. गोवार्धाना वन क्षेत्र के रेंजर मानवेंद्र चौधरी ने बताया कि वन कर्मी बाघिन एवं उसके शावकों की सुरक्षा के लिए निगरानी कर रहे हैं. ताकि बाघिन की नजर किसी शिकारी पर ना हो. इसी वजह से दर्जनों टाइगर ट्रैकर एवं वन कर्मियों को बाघिन एवं उसके शावकों के निगरानी के लिए लगाया गया है. वहीं मंगुराहां वन क्षेत्र के रेंजर मो. अफसर ने बताया कि अभी भी दूसरी बाघिन अपने दो शावकों के साथ रमपुरवा के आसपास के गन्ना के खेत में डेरा डाले हुए हैं.