गणेश वर्मा @ बेतिया
जदयू अध्यक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और रालोसपा सुप्रीमो केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा इन दिनों बिहार की चुनावी राजनीति की सुर्खियों में है. उपेंद्र जहां नीतीश के कथित ‘नीच’ वाले बयान को लेकर आरोपों की बौछार किये हुए हैं और माफी की मांग तक कर चुके हैं. वहीं, जदयू भी उपेंद्र कुशवाहा पर हमलावर है. ऐसे में पांच दिसंबर को ऐसा मौका आनेवाला है, जब उपेंद्र कुशवाहा और नीतीश कुमार चंपारण में मौजूद रहेंगे.
बेहद दिलचस्प है कि दोनों नेताओं के कार्यक्रम जंगलों के बीच ही है. उपेंद्र कुशवाहा जहां वाल्मीकिनगर नगर में जंगलों के बीच कार्यकर्ताओं के साथ मंथन करेंगे. वहीं, नीतीश कुमार रामनगर के दोन इलाके में थारू बाहुल्य चंपापुर का दौरा करेंगे. सीएम नीतीश का भले ही यह दौरा सरकारी है, लेकिन राजनीतिक पंडितों की नजर में इस दौरे के खास मायने हैं. इसे चुनावी गणित से जोड़ कर देखा जा रहा है. राजनीतिक पंडितों की माने तो थारू जदयू का परंपरागत वोट माना जाता है. कारण कि थारूओं को एसटी का दर्जा दिलाने के साथ-साथ तमाम सुविधाएं नीतीश कुमार की ही देन है. ऐसे में उपेंद्र कुशवाहा का इस इलाके में मंथन कार्यक्रम से वोट की गणित बिगड़ने के आसार के बीच नीतीश कुमार का यह दौरा चुनावी जंग के आगाज के साथ जोड़कर देखा जा रहा है. इतना ही नहीं, वाल्मीकिनगर के इलाके में कुशवाहा वोटरों की संख्या ठीक-ठाक है. बीते विधानसभा चुनाव में एनडीए की सहयोगी रालोसपा ने यहां से सुरेंद्र कुशवाहा को टिकट दिया था. हालांकि, बाजी निर्दलीय रिंकू सिंह के हाथ लगी थी.
चर्चाओं की माने तो रालोसपा वाल्मीकिनगर सीट से लोस चुनाव में दावेदारी का भी मन बना चुकी है. वहीं, जदयू के भी इस सीट पर लड़ने की संभावनाएं तेज हैं. क्योंकि, यहां से जदयू के पूर्व सांसद रहे वैद्यनाथ कुशवाहा की सक्रियता बढ़ी हुई है. इधर, माह भीतर ही नीतीश कुमार का यह दूसरा दौरा है. इसके पहले 18 नवंबर को नीतीश यहां दो दिवसीय दौरे पर आये थे. उस समय भी थारूओं के लिए तमाम योजनाओं के शुरूआत की बात कही गयी थी. अब लोस चुनाव में जदयू व रालोसपा के कथित दावेदारी के बीच वीआईपी के दौरे से वाल्मीकिनगर संसदीय क्षेत्र हॉट सीट बनता जा रहा है.
वाल्मीकिनगर से भाजपा के मौजूदा सांसद सतीश चंद्र दूबे भी इस सीट पर दावेदारी बनाये हुए हैं. वहीं, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय चेयरमैन ने कांग्रेस के सीट मिलने पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुनावी जंग को रोचक बना दिया है. कांग्रेस से ही पूर्व मंत्री पूर्णमासी राम के नाम की भी चर्चा है. वहीं, राजद से दावेदारी का दावा करते हुए महेंद्र निषाद भारती 16 को निषाद सम्मेलन बुलाने की घोषणा कर चुनावी जंग का आगाज कर दिया है.