ईद की नमाज से पहले सुन्नतों पर अमल करते हैं रोजेदार
चक्रधरपुर : इस वर्ष ईद का त्योहार संभवत: 5 जून को मनाया जायेगा. ईद मुसलमानों का सबसे बड़ा त्योहार है. एक माह तक भूख-प्यास बर्दाश्त कर रोजा रखने के बाद अल्लाह ने ईद का तोहफा दिया है. जो मुसलमानों के लिए खुशी का दिन है. इस्लाम में दो ही खुशियां मनाने के दिन होते हैं, […]
चक्रधरपुर : इस वर्ष ईद का त्योहार संभवत: 5 जून को मनाया जायेगा. ईद मुसलमानों का सबसे बड़ा त्योहार है. एक माह तक भूख-प्यास बर्दाश्त कर रोजा रखने के बाद अल्लाह ने ईद का तोहफा दिया है. जो मुसलमानों के लिए खुशी का दिन है. इस्लाम में दो ही खुशियां मनाने के दिन होते हैं, ईद-उल फितर और ईद उल जुहा. रमजान में पूरे महीने रोजे रखने के बाद ईद-उल फितर मनायी जाती है.
ईद अल्लाह से इनाम लेने का दिन है. रमजान-उल मुबारक माह के बाद ईद-उल-फितर के इस मुबारक दिन नमाज के पहले हर मुसलमान के लिए फितरा अदा करना वाजिब है. इसका मकसद यह है कि गरीब भी ईद की खुशी मना सकें. ईद की नमाज के बाद इमाम खुत्बा देते हैं और दुआ फरमाते हैं. इसके बाद सभी एक-दूसरे के गले लगकर ईद की बधाई देते हैं. ईद की सब से ज्यादा खुशी बच्चों में होती है.
ईदगाह जाते वक्त यह तकबीर पढ़ना तकबीर यह है : अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर, लाइलाहा इल्ललाह, अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर, वलिल्लाहिलहम्द’ (अर्थ : अल्लाह बड़ा है, अल्लाह बड़ा है, अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं, अल्लाह बड़ा है, अल्लाह बड़ा है, सारी तारीफें अल्लाह के लिए हैं)