बेतिया : चलंत चिकित्सा दल से ओपीडी, इमरजेंसी एवं प्रसव कार्य लेने के मामले को विभाग ने गंभीरता से लिया है. इस मामले में जिले के चार पीएचसी प्रभारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक गयी है. जिन पीएचसी प्रभारियों पर कार्रवाई की तलवार लटकी है, उसमे नौतन, ठकराहा, मझौलिया एवं सिकटा का नाम शामिल है.
सभी पर चलंत चिकित्सका दल से आंगनबाड़ी केंद्रों, सरकारी स्कूल, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य जांच कराने के बजाय ओपीडी, इमरजेंसी एवं प्रसव कार्य लिये जाने का आरोप है. मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य विभाग के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने सिविल सर्जन से प्रतिवेदन की मांग की है.
उन्होंने सीएस को भेजे अपने पत्र में कहा है, कि नियमानुसार अनुसार चलंत चिकित्सा दलों को डेडिकेटेड मोबाइल हेल्थ टीम का दर्जा प्राप्त है. टीम का मुख्य कार्य आंगनबाड़ी केंद्र, सरकारी तथा सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में सुक्ष्म कार्ययोजना के अनुसार स्वास्थ्य जांच करनी है. चिन्हित बच्चों को रेफरल संस्थानों में रेफर करना है.
इसके विपरित संस्थान में चलंत चिकित्सा दलों से की स्वास्थ्य जांच न कराकर ओपीडी, इमरजेंसी एवं प्रसव कार्य लिया जा रहा है. यह नियमानुकूल नहीं है. इस बावत कई बार राज्य स्वास्थ्य समिति से दिशा निर्देश भी जारी किया जा चुका है, लेकिन इस पर अमल नहीं की गई है. कार्यपालक निदेशक ने संबंधित सभी पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा प्रभारियों से जवाब तलब कर प्रतिवेदन देने को कहा है. ताकि विभागीय कार्रवाई की जा सके.