बेतिया गैंगरेप : एक ने दी पुलिस को क्लीन चिट, दूसरे ने उठाये सवाल

राज्य व राष्ट्रीय महिला आयोग की जांच में विरोधाभास बेतिया गैंगरेप मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग और बिहार राज्य महिला आयोग की जांच में विरोधाभास उभर आया है. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा पूरे प्रकरण में सरकार व पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई से संतुष्ट हैं. वहीं, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 21, 2019 8:58 AM
राज्य व राष्ट्रीय महिला आयोग की जांच में विरोधाभास
बेतिया गैंगरेप मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग और बिहार राज्य महिला आयोग की जांच में विरोधाभास उभर आया है. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा पूरे प्रकरण में सरकार व पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई से संतुष्ट हैं. वहीं, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने जांच में पीड़िता की सुरक्षा से लेकर पुनर्वास तक में गड़बड़ी की बात कही है.
सरकार पीड़िता के अधिकारों की रक्षा में विफल, शिक्षा-पुनर्वास तक में गड़बड़ी : शर्मा
पटना : बेतिया गैंगरेप मामले की जांच करने बिहार पहुंची राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने राज्य सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े किये हैं. सरकार को बाल-महिला अधिकारों की रक्षा में विफल बताते हुए बैंकिंग, शिक्षा, उत्थान-पुनर्वास योजनाओं के क्षेत्र में गड़बड़ी की बात कही है. मामले में पुलिस जांच से संतुष्ट होने की बात कहते हुए रेखा शर्मा ने कहा कि पुलिस चाहती तो घटना रोक सकती थी.
बेतिया में पीड़िता, एसपी और डीजीपी से मुलाकात के बाद शुक्रवार को स्टेट गेस्ट हाउस में रेखा शर्मा ने प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि पीड़िता के साथ गैंगरेप हुआ है. अपराध की गंभीरता इस बात से कम नहीं होती कि पीड़िता के एक आरोपित से पहले से संबंध थे. कहा, पीड़िता कहती है कि वह बालिग है, जबकि मेडिकल जांच में 15 से 17 साल की उम्र सामने आयी है. आधार कार्ड में उसकी उम्र 11 साल है.
इससे साबित होता है कि बिहार में सरकारी एजेंसी किस तरह काम कर रही है. नाबालिग पीड़िता का बाल विवाह भी हो गया. गर्भपात भी हो गया. कक्षा छह से सीधे कक्षा नौ में एडमिशन मिल गया, जबकि उसे कक्षा छह तक का नॉलेज नहीं है.
शेल्टर होम से निकलने के बाद उसे सुरक्षा नहीं दी गयी. काउंसेलिंग नहीं की गयी. एक नाबालिग बिना अभिभावक के बैंक अकाउंट आॅपरेट करती है, बैंक व राज्य सरकार यह कैसे होने देते हैं. शिक्षा-पुनर्वास के सात लाख रुपये में से दो लाख रुपये वह मकान, अपनी बीमारी, मोबाइल, कपड़ों पर खर्च कर देती है. ऐसा तब होता है, जब सरकार देखती नहीं है.
सरकार और अधिकारियों ने अपना काम ठीक से किया : दिलमणि मिश्रा
पटना : राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा जब प्रेस काॅन्फ्रेंस कर रही थीं, उस समय बिहार महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा भी मौजूद थीं. वह रेखा शर्मा की इस बात से तो सहमत हैं कि पीड़िता के साथ गलत हुआ है. रेप की पुष्टि हुई है. लेकिन, सरकार, पुलिस- प्रशासन ने अपना काम ठीक से नहीं किया, इस आरोप से वह इत्तेफाक नहीं रखती हैं. प्रभात खबर से बातचीत में श्रीमती मिश्रा ने कहा कि लड़की के बारे में हम जो बोले हैं, वह सच है.
लड़की के साथ तो गलत हुआ ही, लेकिन सरकार ने अपना काम किया है. मेडिकल रिपोर्ट में खरोंच आदि कहीं जिक्र नहीं है. रेप की पुष्टि हुई है. जांच में यह बात सामने आयी है कि लड़की अपने मन से गयी थी. कोई पहले से कैसे जान सकता है कि कब किसके साथ क्या घटित होनेवाला है. घटना होने के बाद पुलिस-प्रशासन को जो करना चाहिए था, वह अच्छे से किया.

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