तकनीशियन की होगी बहाली

दुधारू पशुओं की नस्ल सुधारने में होगी मदद, पशुपालकों की आय में 22,500 रुपये की होगी वृद्धि निदेशक के पत्र पर जिला प्रशासन ने शुरू की कवायद बेतिया : जिले के पशुपालकों के अब दिन बहुरने वाले हैं. उनके दुधारू पशुओं के नस्ल सुधारने की पहल शुरू कर दी गई है. ताकि उनके गाय व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 16, 2020 12:25 AM

दुधारू पशुओं की नस्ल सुधारने में होगी मदद, पशुपालकों की आय में 22,500 रुपये की होगी वृद्धि

निदेशक के पत्र पर जिला प्रशासन ने शुरू की कवायद
बेतिया : जिले के पशुपालकों के अब दिन बहुरने वाले हैं. उनके दुधारू पशुओं के नस्ल सुधारने की पहल शुरू कर दी गई है. ताकि उनके गाय व भैंस से ज्यादा से ज्यादा दूध का उत्पादन हो सके. इसके लिए कृत्रिम गर्भाधान की नई तकनीकी का इस्तेमाल किया जाएगा. इस बाबत मत्स्यपालन, पशुपालन व डेयरी मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर इस दिशा में काम शुरू कराने का आग्रह किया है.
पत्र के आलोक में जिले में कवायद शुरू कर दी गई है. पत्र में इस बात को बताया गया है कि कृत्रिम गर्भाधान के लिए पहले चरण में 300 गांवों का चयन किया जाएगा. इन गांवों में प्रशिक्षित कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन रखे जाएंगे. उनके द्वारा कृत्रिम गर्भाधान करने पर प्रति गाय व भैंस 50 रुपये के हिसाब से भुगतान करने की बात बताई गई है.
इसमें बताया गया है कि औसतन तीन बार कृत्रिम गर्भाधान करने से और एक गाय भैंस गाभिन होगी, तो उसके बच्चे से 1200 किलोग्राम प्रतिवर्ष दूध की औसतन वृद्धि होगी, जिससे किसानों की आय में तीन वर्षों के बाद 22500 रुपये प्रति वर्ष वृद्धि होगी. बता दें कि जिले में दुधारू पशुओं के नस्ल सुधार करने के लिए प्रखंडों में कृत्रिम गर्भाधान की स्थिति बेहतर नहीं थी. सरकार की नई पहल पर इसकी स्थिति बेहतर होने की संभावना बताई जा रही है.

Next Article

Exit mobile version