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बगहा में पुलिस फायरिंग, छह लोगों की मौत

बगहा : नौरंगिया थाने के दरदरी गांव के पास सोमवार को उग्र ग्रामीणों पर पुलिस फायरिंग में छह लोगों की मौत हो गयी, जबकि एसडीपीओ समेत 25 पुलिसकर्मी व चार अन्य लोग घायल हुए हैं. इनमें तीन की हालत गंभीर है. तीनों का इलाज अनुमंडलीय अस्पताल, बगहा में चल रहा है. पुलिस को उस समय […]

बगहा : नौरंगिया थाने के दरदरी गांव के पास सोमवार को उग्र ग्रामीणों पर पुलिस फायरिंग में छह लोगों की मौत हो गयी, जबकि एसडीपीओ समेत 25 पुलिसकर्मी व चार अन्य लोग घायल हुए हैं. इनमें तीन की हालत गंभीर है.

तीनों का इलाज अनुमंडलीय अस्पताल, बगहा में चल रहा है. पुलिस को उस समय फायरिंग करनी पड़ी, जब ग्रामीणों ने उन पर हमला बोल दिया. ग्रामीण लापता युवक का शव व इस मामले में गिरफ्तार आरोपित को उन्हें सौंपने की मांग कर रहे थे. मुजफ्फरपुर प्रक्षेत्र के आइजी पंकज दराद ने पुलिस फायरिंग में पांच लोगों की मौत होने की पुष्टि की है.

यह था मामला : दरदरी गांव का रहनेवाला चंद्रेश्वर काजी डीजे में साउंड सिस्टम बजाता था. नौ जून को वह देवताहां गांव के रामचंदर खटइत के यहां अष्टयाम व भागवत में साउंड सिस्टम लेकर गया था. आयोजन सात दिन का था.

इस दौरान 15 जून की रात से चंद्रेश्वर लापता हो गया. जब चार-पांच दिनों तक उसका पता नहीं चला, तो उसके परिजनों ने 21 जून को नौरंगिया थाने को सूचना दी.

पुलिस ने 23 जून को प्राथमिकी दर्ज की और एक युवक रविकेश को हिरासत में लिया.
ग्रामीण पहुंचे थाने : 24 जून को सुबह ही दरदरी, नौरंगिया समेत कई गांवों के ग्रामीण नौरंगिया थाने पहुंचे. यह पूरा इलाका आदिवासी बाहुल है. बारिश के बाद भी लगभग पांच-छह सौ ग्रामीण सुबह 10 बजे तक थाने पर इकट्ठा हो गये थे.

सभी लोग रविकेश को सौपने की मांग कर रहे थे. इनका कहना था कि रविकेश ने ही चंद्रेश्वर की हत्या की है. इसकी सूचना जब एसडीपीओ शैलेश कुमार को मिली, तो वह भी नौरंगिया थाना पहुंचे. उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि जल्दी ही चंद्रेश्वर का शव बरामद कर लिया जायेगा.

इस दौरान स्थानीय जन प्रतिनिधि व मुखिया भी थाने पर मौजूद थे. एसडीपीओ के आश्वासन से ग्रामीण संतुष्ट हो गये और वापस चले गये. इस बीच पुलिस टीम इंस्पेक्टर दयानंद के नेतृत्व में मुसहरवा-कटहरवा गांव के लिए रवाना हो गयी. पुलिस ने इससे पहले रविकेश की निशानदेही पर इसी स्थान के आसपास खून के धब्बे व एक टार्च बरामद की थी. रविकेश ने कहा था, हमने मनोर नदी के पास भुतनी पुल के पास चंद्रेश्वर के शव को मिट्टी में गाड़ दिया था.

पुलिस के बनाया बंधक

पुलिस टीम जब मुसहवा-कटहरवा गांव पहुंची, तो वहां भी ग्रामीण इकट्ठा हो गये. जिस स्थान पर रविकेश शव होने की बात कर रहा था, वहां शव नहीं मिला. इससे ग्रामीण और उग्र हो गये. इस दौरान वे लगातार रविकेश को उनके हवाले करने की मांग कर रहे थे. इसी दौरान पुलिस व ग्रामीणों के बीच कहासुनी हो गयी.

इस पर ग्रामीणों ने पुलिस टीम को बंधक बना लिया. इसकी सूचना पर चार थानों की पुलिस के साथ एसडीपीओ शैलेश कुमार मौके पर पहुंचे. इसी दौरान ग्रामीणों ने पुलिस पर पत्थरों से हमला कर दिया. खुद को घिरता देख पुलिस टीम ने हवाई फायरिंग शुरू कर दी. इससे ग्रामीण और उग्र हो गये.

उन्होंने और तेजी से पत्थर व बांस के तीर पुलिस पर बरसाने लगे. इसमें कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गये. इस दौरान ग्रामीणों ने एसडीपीओ की पिटाई कर दी. इससे पुलिसवालों ने फायरिंग शुरू कर दी. मौके पर ही पांच ग्रामीणों की मौत हो गयी. 15 ग्रामीण घायल हुए हैं. पुलिस फायरिंग के बाद मौके पर भगदड़ मच गयी.

सील किया रास्ता

पुलिस फायरिंग की सूचना के बाद बगहा के एसपी सुनील कुमार व अन्य प्रशासनिक पदाधिकारी मौके पर पहुंचे. दरदरी गांव के जानेवाले रास्तों को सील कर दिया गया. फायरिंग के बाद नौरंगिया व दरदरी गांव के ग्रामीण डरे-सहमे है. शाम होने से पहले ही ग्रामीणों ने खुद को घरों में बंद कर लिया है.

पुलिस किसी को भी गांव की ओर नहीं जाने दे रही थी. वहीं, शवों को बगहा के अनुमंडलीय अस्पताल में लाया गया है. शवों को लोगों को देखने नहीं दिया जा रहा है. इस वजह से एक के अलावा अन्य शवों की पहचान नहीं हो सकी. जिस मृतक की पहचान हुई है, उसका नाम अनूप चौतरिया बताया गया है. इसके सिर में गोली लगी है. इसकी मौत बाल्मिकीनगर के अस्पताल में हुई है.

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