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लखौरा जैसी हो सूबे की हर पंचायत

बेतियाः केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि बिहार में शायद ही लखौरा जैसी कोई पंचायत होगी. वहां खुले में शौच करने की परंपरा से मुक्ति मिल गयी है. लखौरा का अनुकरण बिहार की साढ़े-आठ हजार पंचायत को करना चाहिए. खुले में शौच मुक्त पंचायत के अलग- अलग आठ गांवों में रविवार को […]

बेतियाः केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि बिहार में शायद ही लखौरा जैसी कोई पंचायत होगी. वहां खुले में शौच करने की परंपरा से मुक्ति मिल गयी है. लखौरा का अनुकरण बिहार की साढ़े-आठ हजार पंचायत को करना चाहिए. खुले में शौच मुक्त पंचायत के अलग- अलग आठ गांवों में रविवार को जाकर लोगों से मिलने और उनके घर में शौचालय की व्यवस्था देख कर मंत्री काफी प्रसन्न हुए.

उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था जिले के अन्य पंचायतों में भी होनी चाहिए. मंत्री ने पश्चिम चंपारण की एक दूसरी उपलब्धि पौधरोपण कार्यक्रम को बताया. उन्होंने कहा कि सड़कों के किनारे इतने हरे – भरे पेड़ शायद देश के किसी अन्य राज्य में नहीं होंगे. इसके लिए यहां के प्रशासन को धन्यवाद है. खुले में शौच मुक्त पंचायत और हरे- भरे गांव यहां की क्रांतिकारी उपलब्धि है.

मंत्री ने कहा कि जब वे केंद्रीय लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री थे, तो निर्मल भारत अभियान का कांसेप्ट लागू किया था. देश की ढाई लाख ग्राम पंचायतों को शौच मुक्त कर निर्मल ग्राम पंचायत बनाने की योजना थी. उस वक्त देश के सभी प्रांतों के मंत्रियों के साथ बैठक की थी. बिहार के तत्कालीन मंत्री ने कहा था कि सभी पंचायतों को निर्मल ग्राम बनाने में 20- 25 वर्ष लगेंगे. लेकिन लखौरा में तो महज दो वर्ष का प्रयास है कि पूरी पंचायत खुले में शौच मुक्त हो गयी है. अभी देश की 8 प्रतिशत पंचायतें ही निर्मल ग्राम पंचायत हो पायी हैं.

विशेष परियोजना को स्वीकृति
वर्ष 2017 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की चंपारण सत्याग्रह शताब्दी मनायी जायेगी. जिस धरती पर रह कर बापू ने देश की आजादी के लिए सत्याग्रह चलाया, उस भूमि और वहां रह रहे लोगों के विकास के लिए सत्याग्रह शताब्दी वर्ष में विकास की विस्तृत परियोजना को स्वीकृति मिलनी चाहिए. मंत्री ने कहा कि वे प्रधानमंत्री से बात करेंगे, ताकि विशेष परियोजना को स्वीकृति दिलाने की हर संभव कोशिश होगी. डीएम को परियोजना तैयार करने के लिए निर्देश दिया गया है.

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