बगहा-एक को मिला रैंक वन
बेतियाः बरसात का मौसम है. इसमें संक्रामक बीमारी फैलने की अधिक आशंका रहती है. ऐसे में स्वास्थ्य महकमे को पूरी तरह से मुस्तैद रहने की जरूरत है. कई बाढ़ प्रभावित इलाके हैं. जहां कभी भी प्राकृतिक आपदा की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. ऐसे में बगैर सूचना के कोई भी अधिकारी मुख्यालय से अनुपस्थित नहीं […]
बेतियाः बरसात का मौसम है. इसमें संक्रामक बीमारी फैलने की अधिक आशंका रहती है. ऐसे में स्वास्थ्य महकमे को पूरी तरह से मुस्तैद रहने की जरूरत है. कई बाढ़ प्रभावित इलाके हैं. जहां कभी भी प्राकृतिक आपदा की स्थिति उत्पन्न हो सकती है.
ऐसे में बगैर सूचना के कोई भी अधिकारी मुख्यालय से अनुपस्थित नहीं होंगे. इस आशय का निर्देश शुक्रवार को जिलाधिकारी श्रीधर सी. ने जिला स्वास्थ्य समिति की मासिक बैठक में दी. उन्होंने कहा कि टीकाकरण अभियान में बेहतर रिजल्ट नहीं देने वाले प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी.
डीएम ने टीकाकरण में 50 प्रतिशत से कम उपलब्धि वाले अस्पतालों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया. स्वास्थ्य महकमें के विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन की मासिक रैकिंग होती है. उस रैकिंग में जिले के 20 अस्पतालों रैंक-1 बगहा-1 को मिला है. बता दें कि जून 2013 में बगहा-1 को रैंक-1, बगहा-2 को रैंक-2, अनुमंडलीय अस्पताल बगहा को रैंक-3, योगापट्टी को रैंक-4, बेतिया को रैंक-5, भितहा को रैंक-6, रामनगर को रैंक-7, नौतन को रैंक-8, चनपटिया को रैंक-9, एमजेके अस्पताल बेतिया को रैंक-10, बैरिया को रैंक-11, मैनाटांड को रैंक-12, ठकराहां को रैंक-13, नरकटियागंज को रैंक-14, मझौलिया को रैंक-15, लौरिया को रैंक-16, पिपरासी को रैंक-17, गौनाहा को रैंक-18, सिकटा को रैंक-19 एवं मधुबनी को रैंक-20 मिला है. हालांकि जून माह में रैंक-1 पाने वाला बगहा-1 को मई माह में रैंक-5 एवं अप्रैल माह में रैंक-4 मिला था. जबकि बगहा-2 को मई माह में रैंक-17 मिला था और जून माह में रैंक-2 मिला है. इसी प्रकार पिछले दो माह से रैंक-1 पा रहे अनुमंडलीय अस्पताल बगहा को इस बार रैंक-3 मिला है.