46 आशा चयनमुक्त, चार ने दिया त्यागपत्र
बेतियाः स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय कार्यक्रमों में पर्याप्त योगदान नहीं देने समेत कई गंभीर आरोपों की जद में आयीं जिले के विभिन्न अस्पतालों में कार्यरत 46 आशा चयन मुक्त हो गयीं हैं. जबकि गौनाहा प्रखंड के अलग – अलग गांवों में कार्यरत चार आशा ने व्यक्तिगत कारणों से त्याग पत्र दे दिया है. सिविल सजर्न […]
बेतियाः स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय कार्यक्रमों में पर्याप्त योगदान नहीं देने समेत कई गंभीर आरोपों की जद में आयीं जिले के विभिन्न अस्पतालों में कार्यरत 46 आशा चयन मुक्त हो गयीं हैं. जबकि गौनाहा प्रखंड के अलग – अलग गांवों में कार्यरत चार आशा ने व्यक्तिगत कारणों से त्याग पत्र दे दिया है.
सिविल सजर्न डा गोपाल कृष्ण ने बताया कि जिले के मझौलिया, गौनाहा, चनपटिया एवं बगहा – एक प्रखंड में कार्यरत 46 आशा को वहां के स्थानीय प्रभारियों से प्राप्त प्रतिवेदन के आलोक में चयन मुक्त कर दिया गया है. सीएस ने बताया कि जिन गांवों की आशा चयन मुक्त हुई हैं, उन गांवों में शीघ्र ही नये सिरे से आशा का चयन किया जायेगा. चयन मुक्त हुई आशा पुन: चयन प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकतीं.
गौनाहा की आठ आशा
यद्यपि गौनाहा की आठ आशा कार्यकर्ता को चयन मुक्त किया गया है, लेकिन इसमें चार आशा व्यक्तिगत कारणों से त्याग पत्र दे दी हैं. इस प्रकार गौनाहा में नये सिरे से आशा बहाली के लिए आठ स्थान रिक्त हुए हैं. गौनाहा के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि आठ वैसी आशा को चयन मुक्त करने की अनुशंसा की गयी थी, जो पिछले एक वर्ष से किसी भी राष्ट्रीय कार्यक्रम में पर्याप्त योगदान नहीं दे पायी थीं. बार – बार स्मारित किये जाने के बावजूद इसमें तीन आशा कर्मियों ने प्रशिक्षण मॉडय़ूल 5, 6 एवं 7 में भी भाग नहीं लिया. उन्हें कारण पृच्छा निर्गत किया गया तो उसका जवाब भी नहीं दीं. जबकि आशा गीता देवी, मिलंगना देवी, सुमन देवी एवं पूजा देवी ने व्यक्तिगत कारणों से त्याग पत्र दे दिया है. वे आशा के रूप में कार्य नहीं करना चाहती हैं. ऐसे में चार आशा को चयन मुक्त करने का अनुशंसा किया गया था. सीएस ने उन्हें चयन मुक्त कर दिया है.
मझौलिया की 10 आशा
मझौलिया प्रखंड के विभिन्न गांवों में कार्यरत 10 आशा चयन मुक्त कर दी गयीं हैं. सीएस ने बताया कि मझौलिया के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की अनुशंसा के आलोक में यह कार्रवाई हुई है. ये सभी आशा पिछले एक वर्ष से स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो रही थी और आशा प्रशिक्षण में भी शामिल नहीं हुई. ऐसा लग रहा था कि उन्हें कार्यो में अभिरुचि नहीं है. सीएस ने चयन मुक्त स्थानों पर 15 दिनों के अंदर चयन प्रक्रिया आरंभ करने का निर्देश दिया है. साथ ही चेतावनी दी है कि जिन आशा को चयन मुक्त किया गया है, उन्हें दुबारा से चयन प्रक्रिया में किसी भी परिस्थिति में शामिल नहीं होना है.
चनपटिया की तीन आशा
चनपटिया प्रखंड की तीन आशा को चयन मुक्त किया गया है. केंद्र संख्या 164 की वीणा देवी, केंद्र संख्या 112 की मधु पांडेय एवं केंद्र संख्या 177 की सुनिता कुमारी को चयन मुक्त करने का आदेश सीएस ने दिया है. तीनों पर भी राष्ट्रीय कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं लेने व आशा मॉडय़ूल का प्रशिक्षण नहीं लेने का आरोप वहां के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने लगाते हुए चयनमुक्त करने की अनुशंसा की थी.
बगहा -1 की 29 आशा
बगहा – 1 प्रखंड की 29 आशा को चयन मुक्त कर दिया गया. सीएस ने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में आशा कार्यकर्ता विभिन्न राष्ट्रीय कार्यक्रमों में सक्रिय नहीं थीं. इस वजह से परेशानी हो रही थी. वहां के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के अनुशंसा के आलोक में सभी आशा को चयन मुक्त कर दिया गया है. साथ ही 15 दिनों के अंदर चयन प्रक्रिया आरंभ कर नयी आशा का चयन करने का निर्देश दिया गया है.