चार लोगों को आजीवन कारावास की सजा
जमीन को लेकर भाई व भतीजों ने गला रेत कर मार डाला था रामध्यान को बेतिया : वर्ष 2005 में गला रेत कर की गयी हत्या के मामले की सुनवाई पूरी करते हुए द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विपिन बिहारी मिश्र ने पिता व तीन पुत्रों समेत चार हत्यारोपितों को दोषी पाते हुए आजीवन […]
जमीन को लेकर भाई व भतीजों ने गला रेत कर मार डाला था रामध्यान को
बेतिया : वर्ष 2005 में गला रेत कर की गयी हत्या के मामले की सुनवाई पूरी करते हुए द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विपिन बिहारी मिश्र ने पिता व तीन पुत्रों समेत चार हत्यारोपितों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व प्रत्येक को 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई.
सजा प्राप्त आरोपित रामचंद्र प्रसाद एवं उनके तीनों पुत्र अवध किशोर प्रसाद, सुरेंद्र प्रसाद तथा जनार्दन प्रसाद नौतन थाने के धुमनगर बगीचा टोला के रहने वाले हैं.
अपर लोक अभियोजक सुदामा राय ने बताया कि इस संबंध में आरोपित रामचंद्र प्रसाद के सगे भाई रामध्यान प्रसाद की पत्नी रमावती देवी ने नौतन थाना कांड संख्या 119/05 दर्ज कराया था. जिसमें उसने आरोप लगाया था कि उसके पति रामध्यान प्रसाद दो भाई है. विगत तीन वर्षो से उसके पति रामध्यान प्रसाद अपने बढ़े भाई रामचंद्र प्रसाद के साथ रहते आ रहे थे.
उसके पति उसके ऊपर एवं अपने बच्चे पर कोई ध्यान नहीं देते थे. अपने भाई रामचंद्र एवं उसके परिवार पर ही सारा रुपया खर्च कर देते थे. घटना के तीन महीना पूर्व उसके पति रामध्यान ने दो बिगहा जमीन अपने भतीजों के नाम रजिस्ट्री कर दी थी. उसके बाद उनलोगों ने मेरे पति के उपर ध्यान देना छोड़ दिया. जिस पर मेरे पति ने रजिस्ट्री रद्द करने की धमकी दी थी. इसी वजह से चारों आरोपितों ने मिल कर 22 जून 2005 को मेरे पति की हत्या धारदार हथियार से गला रेत कर दी. लाश को फेंक दिया. हल्ला पर वह अपने लड़कों के साथ लाश देखने गयी तो वहां गांव के बहुत लोग व आरोपित खड़े थे.
आरोपितों ने मौके पर पहुंची रामावती देवी के साथ मारपीट भी किया. इसी मामले की सुनवाई पूरी करते हुए न्यायालय ने चारों आरोपितों को दोषी पाते हुए यह सजा सुनाई. वहीं एक अन्य आरोपित मदन प्रसाद को साक्ष्य के अभाव में न्यायालय ने रिहा कर दिया.