खरमास खत्म, अब बजेगी शहनाई

बेतिया : सूर्य की दिशा बदल गयी और खरमास उतर गया. गुरुवार की अहले सुबह लोगों ने स्नान कर सूर्य नारायण की पूजा की तथा ब्राह्मण व असहाय लोगों को अन्न, धन तथा अन्य सामग्री दान की. खरमास उतरते ही इस साल का लग्न आरंभ हो गया. इस वर्ष लग्न कम है. इस कम लग्न […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 16, 2015 11:50 AM
बेतिया : सूर्य की दिशा बदल गयी और खरमास उतर गया. गुरुवार की अहले सुबह लोगों ने स्नान कर सूर्य नारायण की पूजा की तथा ब्राह्मण व असहाय लोगों को अन्न, धन तथा अन्य सामग्री दान की.
खरमास उतरते ही इस साल का लग्न आरंभ हो गया. इस वर्ष लग्न कम है. इस कम लग्न में बेहतर मुहूर्त देख कर हर कोई चट मंगनी पट ब्याह की थ्योरी अपनाना चाहता है.
इसी के साथ कुंडली मिलान करने के लिए ज्योतिष विद्वानों की दुकानदारी भी चल पड़ी है. हालांकि अभी बगैर कुंडली मिलान किये हाइटेक शादी करने का प्रचलन इधर नहीं है. रिश्ते की बात कुंडली के लेन-देन से ही शुरू होती है.
पहले जाने ग्रहों की स्थिति
कई बार ऐसा होता है कि बेहतर घर व वर की तलाश में लड़की के परिवार वालों को वर्षो भटकना पड़ता है. कहीं वर अच्छा तो कहीं घर नहीं. कहीं दोनों अच्छा मिला तो दहेज का झमेला आड़े आता है.
इन सभी कारणों का मुख्य कारण ग्रहों का सही नक्षत्र में नहीं रहना भी हो सकता है. शास्त्रों के मुताबिक देवताओं के गुरु वृहस्पति है. गुरु ग्रह की स्थिति सही नक्षत्र में हो तो सभी मंगल कार्य शीघ्र व अच्छे होते है. अत: जरूरी है कि कन्या वृहस्पति देव की आराधना करे तथा लड़कों के लिए सूर्य की आराधना करना अनिवार्य है.
रॉक बैंड की मचेगी धूम
लग्न शुरू होते ही नगर के साथ-साथ जिले में बैंड वालों में प्रतियोगिता का दौर शुरू हो गया है. कोई ब्रास बैंड से तो कोई रॉक बैंड से लोगों की इसी खुशी को दुगुना करने का दावा कर रहे है.
नगर के लगभग एक दर्जन बैंड वाले लग्न की बुकिंग शुरू कर चुके है. नाजनी चौक के हिंदुस्तान बैंड के शिवनाथ शास्त्री ने बताया कि लग्न के मौसम में 51 हजार रुपये तक की बुकिंग होती है. सबसे ज्यादा रॉक बैंड की डिमांड की जा रही है. वहीं तीन लालटेन स्थित ताज बैंड के आबिद खान ने बताया कि लग्न को देखते हुए बुकिंग शुरू कर दी गयी. एक-एक दिन कई शादियां होने की वजह से एक से ज्यादा बुकिंग करनी पड़ रही है.
बोले ज्योतिष
इस वर्ष 17 जनवरी से मार्च 11 तक, अप्रैल 16 से जून प्रथम सप्ताह तक तथा नवंबर माह के अंतिम सप्ताह से शुरू होकर दिसंबर माह के प्रथम सप्ताह तक लग्न जारी रहेगा.
आचार्य राधाकांत शास्त्री

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