बगहा/सेमरा : कटिहार जिले के मनोहर पुर गांव निवासी लाल बिहारी उरांव (30) की हत्या की गुत्थी सुलझाने को लेकर पुलिस काफी मशक्कत कर रही है. संभावना है कि शीघ्र ही उसकी हत्या की राज से परदा उठ जायेगा. पुलिस को इसके कई महत्वपूर्ण सुराग भी मिले हैं. लेकिन अभी उसे सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है.
लेकिन इतना तो तय है कि लाल बिहारी की हत्या कर आरोपितों ने उसे आत्म हत्या में तब्दील करने की भर पूर कोशिश की थी.पर, वे सफल नहीं हो पाये थे. घटना स्थल से मिले साक्ष्य के आधार पर कहा जा सकता है कि लाल बिहारी के शव को नाले में गाड़ने की कोशिश आरोपितों ने की थी. लेकिन पेशेवर हत्यारा नहीं होने के कारण किसी के आने की भनक पा कर छोड़ कर भाग गये थे.
वैसे भी जब रात 9 बजे तक लाल बिहारी मजदूरों के कैंप में नहीं पहुंचा था तो उसके साथी मजदूर उसे खोज रहे थे. हो सकता है कि रात के अंधेरे में टार्च जला कर मजदूर जब नहर के पईन के समीप पहुंचे होंगे तो आरोपित शव को छोड़ कर भाग गये होंगे. पुलिस इस विंदु पर भी जांच कर रही है. एसडीपीओ ललित मोहन शर्मा ने भी बताया है कि इस घटना को किसी पेशेवर हत्यारा ने अंजाम नहीं दिया है.
चार बजे बना दिया खाना
पुलिसिया पूछताछ के दौरान यह खुलासा हुआ है कि मृतक मजदूर लाल बिहारी रोज शाम में दारू के लिए बेचैन हो जाता था. निर्माण स्थल के आसपास गांव में चलने वाले अवैध शराब के अड्डों पर लाल बिहारी की अच्छी – खासी पहचान हो गयी थी. हालांकि करीब एक माह पूर्व लाल बिहारी अपने 50 साथी मजदूरों के साथ यहां काम करने के लिए आया था. दिन भर उसे फुर्सत रहती थी. इस लिए वह आस पड़ोस के गांवों में भी आता जाता था.
इसी क्रम में उसे शराब पीने की लत लग गयी. उसके साथी मजदूरों ने बताया है कि लाल बिहारी बतौर खनसामा काम करने आया था. वह रविवार की शाम में चार बजे हीं रात का खाना बना दिया और यह कह कर चला गया कि अभी गांव की ओर से घुम कर आते हैं. जब सभी मजदूर काम से वापस लौटे और 7:30 बजे खाना खाने जाने लगे तो पता चला कि खनसामा हीं नहीं है. करीब एक घंटे तक उसका इंतजार किया. उसके बाद कुछ मजदूर खाने लगे और 10 – 12 मजदूर लाल बिहारी को खोजने के लिए निकले.
सहमे हुए हैं आम लोग
जिस स्थल से लाल बिहारी का शव बरामद हुआ है कि उसके आसपास के गांव के लोग सहमे हुए है. पुलिस की भौहे उधर भी तनी हुई है. सेमरा थाने के एक कथित बिचौलिया सक्रिय हो गया है. वह अवैध शराब की बिक्री करने वालों की सूची बनाने लगा है. हो सकता है कि मजदूर की हत्या के इस मामले में दोहन का खेल खूब चलेगा. हालांकि एसडीपीओ काफी गंभीर है.