सर, मेरा बेटा नेपाल में है उससे मिलवा दीजिए

श्रीनगर : सर, मेरा बेटा नेपाल में कमाने गया था. उससे बात किये हुए चार दिन हो गये हैं. मोबाइल पर फोन भी नहीं लग रहा है. उससे हमको मिलवा दीजिए. दिल घबड़ा रहा है. बैरिया के पखनाहा डुमरिया निवासी अलबेला साह हर प्रशासनिक अधिकारी से लेकर गांव के लोगों से यही बात कह रहे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 29, 2015 4:34 AM
श्रीनगर : सर, मेरा बेटा नेपाल में कमाने गया था. उससे बात किये हुए चार दिन हो गये हैं. मोबाइल पर फोन भी नहीं लग रहा है. उससे हमको मिलवा दीजिए. दिल घबड़ा रहा है.
बैरिया के पखनाहा डुमरिया निवासी अलबेला साह हर प्रशासनिक अधिकारी से लेकर गांव के लोगों से यही बात कह रहे हैं. जब उन्हें कोई रास्ता नहीं दिखा तो वे मंगलवार को डीएम कार्यालय पहुंच गये. उन्होंने डीएम को भी इस संबंध में आवेदन दिया है. अलबेला साह ने बताया कि उनका बेटा विशाल और वे नेपाल के डारा गांव के समीप सब्जी का कारोबार करते हैं. भूकंप से तीन दिन पहले वह घर चले आये और विशाल वही रह गया.
अब उसके मोबाइल फोन पर नहीं लगने के कारण पूरा परिवार बेचैन हो गया है.
रक्सौल से आनेवाली बस की ओर दौड़ पड़ती है सुनैनी ..
बेतिया. रक्सौल से आने वाली हर बस पर लालगढ़ की सुनैना देवी की निगाहें टिकी रहती है. बस जैसे ही स्टैंड में प्रवेश करती है सुनैना उस बस की ओर दौड़ पड़ती है और महेश, महेश.. की आवाज लगाती है. पर उसका लाल नहीं मिलता है. फिर थक कर वह बैठ जाती है.
दोपहर में जब बस स्टैंड की ओर गये तो पता चला कि एक बेवस महिला इसी तरह बेचैन थी. स्थानीय लोगों ने बताया कि उसकी हालत देख कर उसे घर भेज दिया गया है. स्टैंड में सिकटा -मैनाटांड रोड़ के इंचार्ज छोटू श्रीवास्तव ने बताया कि वह बुढ़िया अपने को सुनैना देवी बता रही थी. उसने बताया कि उसका बेटा चार सालों से नेपाल में रह कर काम करता है. इधर कुछ दिनों पहले आया था.

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