डोली धरती, 16 दिन बाद फिर भूकंप का जख्म हरा

आंधी-पानी के बाद भूकंप . मंगलवार को अपराह्न् 12.35 बजे पहला झटका बेतिया : जिले में मंगलवार को एक बार फिर धरती डोली. भूकंप का झटका लगते हीं लोगों में खौफ का मंजर देखा गया. पहला झटका अपराह्न् 12.35 बजे आया. करीब एक मिनट तक रहा. लोग अभी झटके से अपने को व्यवस्थित करते फिर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 13, 2015 2:42 AM
आंधी-पानी के बाद भूकंप . मंगलवार को अपराह्न् 12.35 बजे पहला झटका
बेतिया : जिले में मंगलवार को एक बार फिर धरती डोली. भूकंप का झटका लगते हीं लोगों में खौफ का मंजर देखा गया. पहला झटका अपराह्न् 12.35 बजे आया. करीब एक मिनट तक रहा. लोग अभी झटके से अपने को व्यवस्थित करते फिर दूसरी बार 1.20 बजे कुछ सेकेंड के लिए धरती डोली.
भूकंप के झटके के कारण शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में भगदड़ मच गयी. चारों तरफ अफरा-तफरी का आलम रहा.जो जहां थे,वहीं से अपने लिए सुरक्षित स्थान ढ़ंढ़ते नजर आये. सबसे बुरा हाल महिला व बच्चों का था.कुछ हीं अंतराल पर दो बार आये भूकंप से कई घरों में दरार पड़ गये. दहशत के इस आलम में लोग भगवान को याद करते रहे. हालांकि भूकंप से कहीं जान-माल की क्षति की सूचना नहीं है.
भूकंप के बाद कार्यालय हो गये खाली
धरती डोलने के बाद जिला मुख्यालय के लगभग सभी कार्यालय खाली हो गये. हाकिम व कर्मी सड़कों पर निकल गये. वहीं बैंकों में भी काम ठप हो गया. बैंक कर्मी भी ताला लगा रोड़ पर निकल पड़े.
एक पखवाड़े में दूसरी बार आया भूकंप, दहशत
25 अप्रैल को आये भूकंप के दहशत से लोग अभी उबरने की कोशिश कर हीं रहे थे, कि मंगलवार को आये भूकंप ने एकबार फिर से लोगों में दहशत व खौफ कायम कर दिया. सबके दिल बेचैन व आंखों में खौफ नजर आया.
मंगलवार को आये भूकंप से सबसे ज्यादा परेशान स्कूली छात्र व उनके अभिभावक रहे. भूकंप ठीक उस समय आया, जब स्कूलों में छुट्टी थी और बच्चे घर व स्कूल के बीच फंसे हुए थे. ऐसे में भूकंप का झटका उनके किसी सदमे से कम नहीं था. रास्ते पर बच्चे चिल्लाते व रोते रहे. वहीं अभिभावक बच्चों के सकुशल घर पहुंचने को लेकर ईश्वर से प्रार्थना करते रहे.
अपराह्न् आये भूकंप से शहर का ट्रैफिक थम गया. लोग अपने छोटे-बड़े वाहनों को सड़क पर छोड़ कर हीं इधर-उधर भागने लगे. शहर के तीन लालटेन चौक, सोआबाबू चौक, स्टेशन चौक, समाहरणालय चौक आदि अति व्यस्त चौक-चौराहों पर भगदड़ मचा रहा.
भूकंप के झटके आने के बाद सभी मोबाइल फेल हो गये. टावर तो था, मगर बात नहीं हो रही थी. जबकि लोग घर-परिवार व शुभचिंतकों के हालचाल जानने को बेचैन रहे.
खास से आम तक घर छोड़ भागे खुली जगहों में
पहली बार जब भूकंप का झटका आया तो समाहरणालय का नजारा कुछ लग दिखा. अपने कक्ष में बैठे अधिकारी काम-कार्य निपटा रहे थे, तभी 12.35 बजे धरती डोली. धरती डोलते हीं पदाधिकारी, बाबू व पिउन तक काम-कार्य छोड़ कर खुले में आ गये.
जिलाधिकारी लोकेश कुमार सिंह पदाधिकारी व कर्मियों को बाहर आने का निर्देश देते रहे. झटके से कुछ अभी राहत की सांस लेते हीं कि दुबारा भूकंप के झटके ने लोगों में भय पैदा कर दिया. हाकिम से लेकर बाबू तक ऑफिस में जाना नहीं चाह रहे थे. कुछ ऐसा हीं नजारा शहर के बड़े लोगों में भी देखा गया.

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